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________________ [२३] धाड़वाड़ जिला कदम्ब जैन वंश कलचूरी लिंगायत प्रा० जैनी ११४ 93 ११३ "9 ... (१) वंकापुर प्राचीन जैन विद्या केन्द्र बकापुर में गुणभद्राचार्य म लोकादित्य जैन (१) नारंगल नगर पृ० .११२ (०) रक्तीहल्ली (6) रोननगर (९) शिरगांव ... ૧૧૭ सामन्त जिनसेनाचार्य कालि दाससे उच्च कवि राजा अमोघवर्ष जैन ११ (२) भाइबाड़ नगर (3) हॉगल नगर (४) लाकडी या लक्कीगुंडी ११९. 19 (५) मूलगुंडनगर (१०) अमिनभवी (११) हेब्बक्की (१२) चब्बी (13) आदरगुंची (१४) हुबली (१५) सोगतूर (१५) भरतलू (१७) कल्लुकेरी (१८) यलबत्ती (१८) कर गुद्रीकोप ... ૧૧૫ ... ... जैन शिलालेख ...१२० .. १२१ ... ... ... ... (१८) ... ... ... ... ... 13 99 ... १२२ 40 "" " " 23 $9 " 31 39 . १२३ (२०) मुत्तूर (२१) भैरवगढ़ प्राचीन सिंधुनगर (२२) लक्ष्यमेश्वर प्राचीन पुलि लक्ष्मेश्वर के प्राचीन जैन मंदिर व शिला गंगवंशी मारसिंह जैन राजा कुल चालुक्यवंशी जैन राजा द्वारा जीर्णोद्धार (२३) आदुर (२४) दम्बल (२५) देवगिरि कादम्ब राजा जैन भक्त (२६) इत्ती मत्तूर (२७) निदगुन्डी (२८) आरटाल ... ... 99 ... "" ... ... .. ... ... ... (२९) सुन्ही जैन शिला • वंश वृक्ष पश्चिम गंग राजा ... पृ० ૧૨૩ 33 ... ૧૨૪ 39 ૧૨૫ " 18 ૧૨ ... 19 [२४] उत्तर कनड़ा जिला १३० 33 १२७ ૧૩૧ जैनधर्मका मुख्य स्थान, (1) बनवासी, प्राचीन कादम्ब राज्यधानी (२) भटकल, या सुसगडी या मणिपुर भटकल के प्राचीन जैन १३२ मंदिर " " के शिलालेख १३३ के जैन राजकुमारी धन्न भैरवदेवी १३४
SR No.007291
Book TitleMumbai Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherManikchand Panachand Johari
Publication Year1925
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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