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प्राचीन जैन इतिहास संग्रह
तत्वार्थ सूत्र हिन्दी अनुवाद यह दो हजार वर्षों पूर्व प्राचार्य उमास्वतिजी का रचा हुश्रा महान् प्रन्थ हैं जिसमें जैन धर्म के मुख्य मुख्य सब तत्वों का समावेश इतनी सुन्दरता से किया है कि साधारण व्यक्ति भी इसको पढ़ के जैन धर्म के तत्वों को समझ सकता है ४०० पृष्ठ होने पर भी प्रचारार्थ मूल्य ॥) नय चक्रसार हिन्दी अनुवाद (द्रव्यानुयोग) कर्म ग्रन्थ हिन्दी अनुवाद ( कर्म विषयिक ) जैन जाति निर्णय प्रथम द्वितीयाँक शुभ मुहूर्त शुकनावली स्वरोदय सूतकादि व्यवहार समकित के ६७ बोल हिन्दी में विस्तार पूर्वक" द्रव्यानुयोग द्वितीय प्रवेशिका ( कर्म व आगम) , जैसलमेर का संघ सचित्र अनेक इतिहास सहित " मेमर नामो हिन्दी जिसमें वर्तमान शासन का हाल " नित्य स्मरण पाठशाला जिसमें अनेक विषय पाठ करने" जैन मन्दिरों के पुजारी ( मन्दिरों की हालत ) " प्राचीन तीर्थ श्री कापरड़ाजी का इतिहास " जड़ चैतन्य का संवाद ( यह खास पढ़ने योग्य है ) ”
श्री रत्न प्रभाकर ज्ञान पुष्प माल से आज पर्यन्त १५० पुस्तकें छपी हैं सूचीपत्र मंगवा के पढ़िये और ज्ञान प्रचार बढ़ाइये ।
मिलने का पताश्री रत्र प्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला मु० फलोदी (मारवाड़)
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