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श्रीमान् (स्वर्गवासी) महाराणाधीराज श्री १०८ श्री फतहसिंहजी बहादुर, जी. सी. एस. आई. जी. सी. बी. ओ. जिन्होंने दोलाख पेतीस हजार की आंगी भेट की.
भूतपूर्व महाराणाओने समाज हित साधन कीने । जैन समाजों को तो प्रभूवर तन मन धन सब ही दीने । तेही कारण है भवन भव्य जैनों के राज मे अतिभारी । मेवाड भूमि के शासक थे पर सब भारत के अधिकारी । O
आनंद प्रिंटिंग प्रेस - भावनगर.
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