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ध्वजदंडारोहण प्रकरण.
पाठक ! आप को याद होगा कि ध्वजादण्ड चढाने के बाद कई तरह के वितण्डावाद उपस्थित हुवे थे। सच पूछो तो वह मापसी वैमनस्यभाव का एक अंश था जो कि सम्वत् १९८४ में वर्तमानपत्रोंद्वारा प्रकाश में आया था । हम अब आप को यह बतलाना चाहते हैं कि ध्वजा दण्ड चढाने के अधिकारी कौन हैं ? मन्दिर के प्रमाण, मूर्तियों के प्रमाण और चरण स्थापना के प्रमाण, श्वेताम्बर समाज के बहुतायत से मिलते हैं तो ध्वजदण्डारोहण के लिये नया प्रमाण ढूंढने की कोई पावश्यक्ता नही पाई जाती; तथापि इस तीर्थ में ध्वजादण्डादि किसने किस समय में चढाये इस का जहांतक पता लगा है हम पाठकों के सामने रखते हैं।
सम्वत् १८८९ में सेठ सुलतानचन्दजीने नोबतखाने का