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प्रतिमा प्रकरण.
जैन श्वेताम्बर तीर्थ श्रीकेसरियानाथजी में श्रीऋषभदेव भगवान के श्याम पाषाण के करीब तीन फुट उंचे प्रतिमाजी बहुत प्राचीन प्रतिष्ठापित है, जिस का कुछ वर्णन सम्वत् १९४७ में श्रीमान् झवेरसागरजी महाराजने प्रकाशित कराया है । जिस में यह सिद्ध किया गया है कि यह प्रतिमा गांव बडौद जो इस समय डुंगरपुर राज्यान्तर्गत है, वहां से दैवयोग से धूलेव गांव में आये । इस कथन को श्रीमान् गौरीशङ्करजी ओझा भी प्रमाणित मान कर निज के बनाये हुवे राजपूताना के इतिहास में लिखते हैं कि
"यह प्रतिमा डुंगरपुर राज्य की प्राचीन राजधानी बडौद के जैन मन्दिर से लाकर यहां पधराई गई है । पृष्ठ ३४६ 1.
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