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माइल की दूरी पर खेरवाडा छावनी से इशान कूण में लगभग दस माइल के फासले पर है ।
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धुलेव गांव में एक बहुत अच्छा सुन्दर नकसी - कोरणी के कामवाला जैन मन्दिर है । जिस में मूलनायक जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेवजी महाराज की प्रतिमा जिन को श्री आदिनाथ भगवान भी कहते हैं । इस मन्दिर में प्रतिमाजी स्थापित हैं, और मुख्य मूर्त्ति जो निज मन्दिर में श्याम पाषाण की लगभग तीन फूट उंची पद्मासन स्थिति में बिराज - मान है । और आसपास भी बावन जिनालय के नामवाली कोठरियां बनी हुई है, जिन में भी जैन श्वेताम्बर मूर्त्तियां स्थापित हैं । इस तीर्थ में जैन यात्री बहुतायत से आया करते हैं। और प्रतिमाजी अति प्राचीन अत्यन्त मनोहर - चमत्कारी होने के कारण भक्तजन अत्यन्त भावपूर्वक पूजन करते हैं और हजांराह तोला केशर एक साथ भी चढ़ा देते हैं। यहां पर केशर पुष्प चढाने के अतिरिक्त चांदी की सोने की व रात की मुकुट कुण्डल धारण कराये जाते है । यहां पर यात्रा के लिये आनेवाले भक्तजन केसर बहुतायत से चढाते हैं इस लिये यह तीर्थ श्री केसरियाजी के नाम से प्रसिद्ध हो रहा है और इसी नाम से पहिचाना जाता है ।
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इस तीर्थ की प्राचीनता के लिये दो बातें सौचने की है । प्रथम तो मन्दिर की प्राचीनता और दूसरे प्रतिमाजी की प्राची