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(१११) NOTICE
To all wham it cancerns the shrine of Rikhabdev being ane held in great sanctity by the Hindus of Gujrat and other countries gentlemen and others encamping at the place are requested not to hill peafoul or peageans pucka tank near the vellage or to kill animals. _There, (Sd.) JOHAN C. BROOKE, Kherwara,
___Captain, 22nd May 1854. Sule Hilly trackts-Mewar.
केपटन साहब शिलालेख में लिखते हैं कि सब को मालूम हो कि ऋषभदेवजी का मन्दिर गुजरात और अन्य देशों के हिन्दुओं में बहुत पवित्र माना जाता है । इसलिये इस स्थानपर जो साहब ठहरें उन से प्रार्थना है कि वह मोर आदि पक्षियों को इस के आसपास कहीं पर भी न मारें । गांव के पास जो छोटा पक्का तालाव है उस की मछलियां न पकड़ें और न पशुओं का वध करें अर्थात् जैनधर्म के विरुद्ध कोई कार्य न करें । इस प्रकार का शिलालेख तारीख २३ मई सन् १८५४ इस्वी में मी. जानसी बुक कप्तानने लगाया है जो इस समय भी वहां मौजूद है।