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जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज
उत्तराध्ययन (उत्तज्झयण)
- टीका, नेमिचन्द्र, बम्बई, १६३७ - अंग्रेजी अनुवाद, हरमन जैकोबी, सेक्रेड बुक्स ऑन द ईस्ट,
४५, १८६५ - संपादन, जे० शार्पेण्टियर, उपासला, १६२२ उपासगदशा ( उवासगदसाओ)
- सम्पादन, पी० एल० वैद्य, पूना, १६३० - टीका, अभयदेव
- अंग्रेजी अनुवाद, होर्नेल, कलकत्ता, १८१८ ऋषिभाषित (इसिभासिय ), सूरत, १६२७ ।। ओघनियुक्ति (ओहनिज्जुत्ति)
-भाष्य
- टीका, द्रोणाचार्य, बम्बई, १६१६ औपपातिक (ओवाइय)
- टीका, अभयदेव, द्वितीय संस्करण, विक्रम संवत् १६१४ कल्पसूत्र (पज्जोसणाकप्प)
- टीका, समयसुंदरगणि, बम्बई, १६३६ - अंग्रेजी अनुवाद, हरमन जैकोबी, सेक्रेड बुक्स ऑव द ईस्ट,
२२, १८८४ गच्छाचार (गच्छायार)
- टीका, विजयविमलगणि, अहमदाबाद, १६२४ चतुःशरण (चउसरण)
- अवचूर्णी, वीरभद्र, देवचंद लालभाई जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति ( जंबुद्दीवपन्नत्ति )
-टीका, शांतिचन्द्र, बम्बई, १९२० जीतकल्प (जीयकप्प) - भाष्य, जिनभद्रगणि; पुण्यविजय, अहमदाबाद, विक्रम
संवत् १६१४ जीवाभिगम
- टीका, मलयगिरि, बम्बई, १६१६ ज्ञातृधर्मकथा (नायाधम्मकहा)
-टीका, अभयदेव, आगमोदय, बम्बई, १६१६ . - संपादन, एन० वी० वैद्य, पूना, १६४०