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________________ ५४४ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज उत्तराध्ययन (उत्तज्झयण) - टीका, नेमिचन्द्र, बम्बई, १६३७ - अंग्रेजी अनुवाद, हरमन जैकोबी, सेक्रेड बुक्स ऑन द ईस्ट, ४५, १८६५ - संपादन, जे० शार्पेण्टियर, उपासला, १६२२ उपासगदशा ( उवासगदसाओ) - सम्पादन, पी० एल० वैद्य, पूना, १६३० - टीका, अभयदेव - अंग्रेजी अनुवाद, होर्नेल, कलकत्ता, १८१८ ऋषिभाषित (इसिभासिय ), सूरत, १६२७ ।। ओघनियुक्ति (ओहनिज्जुत्ति) -भाष्य - टीका, द्रोणाचार्य, बम्बई, १६१६ औपपातिक (ओवाइय) - टीका, अभयदेव, द्वितीय संस्करण, विक्रम संवत् १६१४ कल्पसूत्र (पज्जोसणाकप्प) - टीका, समयसुंदरगणि, बम्बई, १६३६ - अंग्रेजी अनुवाद, हरमन जैकोबी, सेक्रेड बुक्स ऑव द ईस्ट, २२, १८८४ गच्छाचार (गच्छायार) - टीका, विजयविमलगणि, अहमदाबाद, १६२४ चतुःशरण (चउसरण) - अवचूर्णी, वीरभद्र, देवचंद लालभाई जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति ( जंबुद्दीवपन्नत्ति ) -टीका, शांतिचन्द्र, बम्बई, १९२० जीतकल्प (जीयकप्प) - भाष्य, जिनभद्रगणि; पुण्यविजय, अहमदाबाद, विक्रम संवत् १६१४ जीवाभिगम - टीका, मलयगिरि, बम्बई, १६१६ ज्ञातृधर्मकथा (नायाधम्मकहा) -टीका, अभयदेव, आगमोदय, बम्बई, १६१६ . - संपादन, एन० वी० वैद्य, पूना, १६४०
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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