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परिशिष्ट ३
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साहुली-वृक्ष की डाली २३८ (नि०)। सुप्प सूप २३६ (नि०) सिंदूर = सिन्दूर से लाल देवकुल सुविही = आंगन का छोटा मंडप २५०७ (६०)
६०५५ (६०) सिंदूर = सभाघर ५१५७ (नि०) सेडुय = कपास २६६६ (६०) सिंधवण्ण = सफेद रंग का ४१७० सेढि = सीढ़ी १०७ (बृ.)
सोट्टा = शुष्क काष्ठ (सोटा पश्चिमी सिइ = सीढ़ी १०. ४०८ (व्य०) | उत्तरप्रदेश की बोली में ) ३५१६ सिग्ग = श्रान्त १५८५ (बृ०) सिण्हा = ओस ३५०३ (६०) सोलग = घोड़े की देखभाल करने सिसाण = गंधी की दूकान पर वाले २०६६ (६०)
शरीर का घिसना १. ५ (नि०चू०) सुगेही = सुन्दर घर वाली ( बया)
३२५२ (बृ०) | हंसोलीणं = कंधे पर चढ़ना २५ सुढिय-अत्यन्त आहत २६७२ (बृ०)
(नि० चू०) सुढिय = श्रान्त २१५५ (बृ०) हत्थकम्म-हस्तमैथुन ४६७ (नि०) सुण्ह = पुत्रवधू (सून मराठी में) | हिंड = हिंडना १४६६ (६०)
१२५८ (बृ० । । होढ = गाढ़ ६१२२ (६०)