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________________ परिशिष्ट ३ ५३७ | बुक्कण्णय = पांसे २५ (नि० चू०) फणस-कटहल (फणस मराठी में) | बेट्टिया = बेटी = राजकन्या ४६१५ (६०) फरुसग = कुम्भकार १३५ (नि०) बेढ = बैठा १७४ (ओ० भा०) फल्ल = सूती कपड़ा ५६६८ (६०) बोहिय = बोधिक= पश्चिम दिशाफव्वीह = यछेच्छ भक्त-पान का वासी म्लेच्छ ४७ (६०) लाभ २२१६ (६०) बोड = मुंड २१७ (पिं०) फिल्लसिय (फेल्लसण) = फिसल बोरी-बेर का पेड़ (बोर मराठी में) जाना ३३०७ टीका (६०) ४१७८ (६०) फुफुग (फुफुमा) = फूं-फूं करना, | बोल = वृंद २२७३ (६०) फूंक मारना २२८५ (६०) | बोलेइ = बोलता है १६६६ (६०) फुट्टपत्थर = फूटे हुए पत्थर २६६२ (नि०) फुरावेंति = अपहरण करते हैं ३. भंडण-कलह (भांडण मराठी में) १६३ (व्य०) २७०६ (६०) फेल्ल = दरिद्र ३७२६ (नि०) | भंडी = गंत्री = गाड़ी १०३० (६०) फोडित = जीरा, हींग से बघारा भंडु = छुरा ३६११ (नि०) हुआ ६. ५४ (व्य०) भच्चय (भाचा मराठी) = भागिनेय । ५११५ (६०) भज = yजना ५७४ (नि०)। बइल्ल = बैल ३१६३ (नि०) भासुंडणा = भ्रंशना २२४१ (६०) बडुअ = ब्राह्मण ६१६६ (६०) भुल्ल =भूलना ५. २२ व्य० बप्प = बाप ३१८७ (नि० चू०) भुस = भूसा १५३७ (नि० चू०) बहिलग = ऊंट, खच्चर, बैल आदि भूणअ = पुत्र ४६२६ (६०) पशु ३०६६ (६) भूणिया - पुत्री ५१५४ (६०) बहुफोड-बहुभक्षक १६१ (ओ०भा०) भेंडिआ = भिंडिका = त्राडी ४६२७ बाडग (बाड़ी बाला ) = मुहल्ला (६०) १४८५ (नि०) भोइय=भोजिका-भार्या (भोजयति बायाला = बयालीस २७४ (६०) भर्तारं )८६६ (६०) बाहाड = घर्षित ४१२६ (६०) | भोज = भोज ३१७६ (६०) बिजल (विजल) = शिथिल कर्दम भोयडा = कच्छ-लंगोट (महाराष्ट्र ५६५ (नि०) में लड़कियां बचपन से पहनती बीया = बीज (बीय गुजराती में) हैं और शादी होने तक पहने ८२८ (६०)। रहती हैं ) १२६ (नि०)
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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