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________________ परिशिष्ट ३ ५३१ | खोड = लकड़ी का खूंटा ( मराठी में खोड़ ) ११२३ ( बृ० ) खोडी = लकड़ी की पेटी ३.८८ गुविला = गम्भीर ४५४१ ( बृः ) गेंदुग = गेंद ४१३७ (नि० चू० ) गेरु = गेरुक = परिव्राजक ३७४ (बृ० ) ( व्य० ) खोला = राजा द्वारा नियुक्त गुप्तचर १२७ ( पिं० ) खोल्ल = कोटर = खोल ६१२ (बृ०) ग गंठी = गांठ ६३ ( बृ० ) गंडय = घोषणा करने वाला पुरुष गोर = गेहूँ ३०७२ ( बृ० ) ७. ३४१ (व्य० ) गड्डा = गड़ढा २१६७ ( बृ० ) गमणी = जूते २५४ (नि० ) गर = अकालमारक विष ४१४ गल्लधरण = कुल्ला करना १०. गोणी = गाय १७१ ( बृ० ) गोणी = गूणी = बोरी ३६७५ (बृ०) गोफण ( गोफण मराठी ) = गोफन ५०८ (नि० ) गोम्ही ( गोम मराठी ) = कानखजूरा १२४५ (नि०) घ (नि० ) घघट्ट - घी का मैल १७११ (बृ०) घयण = भांड ६३२५ ( बृ० ) घाडिय = घाटिकः = मित्र २१७५ (बृ० ) घाण = तिलपीडन यंत्र = घाणीं ४० (पिं० ) ४१६ ( व्य० ) गल्लोल = हस्तिमद् १४ (नि० चू०) गार (गार मराठी ) = कंकड - पत्थर ५६४६ ( बृ० ) गास = ग्रास = घास ११६ ( बृ० ) गिहिमत्त घटिका आदि पात्र १२.१० (नि० सू० ) = गुंठ = दुष्ट घोड़ा ५६६३ ( नि० ) गुंठ = मायावी ३. ३४० ( व्य० गुज्झंग = मृगीपद = योनि :) १७५३ (नि० चू० ) गुमक्खिणी स्वामिनी ५.५७०४ ( बृ० ) गुल ( गूळ मराठी ) = गुड़ १२८ ( वृ० ) गुलिय = गोली १. १२७७ ( बृ० ) गोरुअ = प्रशस्त गाय (गोरु बंगाली में ) १५३७ (नि० च) गोब्बर = गोबर १७३१ ( बृ० ) घाणा ( घाण मराठी ) = घिन २३७६ ( बृ० ) घिसिसिरवास = ग्रीष्म ३१० ( ओ० भा० ) घुट्टक लेप किये हुए पात्र को घिसने का पत्थर १५ (पिं० ) घुसुलण ( घुसलणें मराठी ) मथन ५७४ ( पिं० ) - घोट्ट = आस्वादन ३६६ ( बृ० ) - घोड = चट्ट २०६६ ( बृ० ); पंचालचट्टा ३६०६ ( बृ० ) घोडयकंडूइय = दो साधुओं का परस्पर प्रश्न ४. १०५ ( व्य० )
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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