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________________ ५२० जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज राष्ट्रवर्धन नाम के दो पुत्र हुए | राष्ट्रवर्धन के पुत्रों के नाम थे अवंतिसेन और मणिप्रभ । ___ राजा प्रद्योत ने अनेक युद्ध लड़े। किसी के पास कोई सुन्दर वस्तु देखकर उसे प्राप्त करने की अभिलाषा वह संवरण नहीं कर सकता था। जैसे देवदत्ता और चन्दननिर्मित महावीर की प्रतिमा को लेकर वीतिभय के राजा उद्रायण के साथ, रानी मृगावती को लेकर कौशाम्बी के राजा शतानीक के साथ तथा सुंसुमारपुर के राजा धुंधुमार को कन्या अंगारवतो को लेकर उसके पिता के साथ उसका युद्ध हुआ, इसी प्रकार महामुकुट के लिए कांपल्यपुर के राजा दुमुख से वह भिड़ गया । दुर्मुख ने कहलवाया था कि यदि प्रद्योत अपने चारों रत्न देने का तैयार हो तो ही उसे महामुकुट मिल सकता है। लेकिन गव के नशे में चूर प्रद्योत ने एक न सुनो । आखिर दोनों में युद्ध हुआ जिसमें प्रद्योत हार गया। उसे बन्दो बनाकर कांपिल्यपुर ले जाया गया जहाँ राजकुमारी मदनमंजरी से उसका प्रेम हो गया और दोनों का विवाह हो गया । __ प्रद्योत राजा श्रेणिक के ऊपर भी चढ़ाई करने से न चूका । लकिन श्रेणिक के मंत्री अभयकुमार ने उसे खूब छकाया । जहाँ प्रद्योत की सेना पड़ाव डालने वाली थी, वहाँ उसने पहले से ही घड़ों में दीनार भर कर गड़वा दी । जब प्रद्यात अपनी सेना लेकर वहाँ पहुँचा तो अभयकुमार ने उसके सैनिकों पर विश्वासघात का आरोपण करते हुए, जमीन में गड़े हुए स्वर्ण की दीनारों के घड़ों को दिखाया। प्रद्योत ने जमीन खुदवाकर देखा तो वहाँ सचमुच दीनारों के घड़े थे। इसी बीच में श्रेणिक के सैनिकों ने प्रद्योत के सैनिकों पर आक्रमण कर । दया और प्रद्योत को वापिस भागना पड़ा। १. आवश्यकनियुक्ति १२८२; भास, प्रतिज्ञायौगंधरायण, कथासरित्सागर, जिल्द १, पुस्तक ३, पृ० ८७ आदि । २. आवश्यकचूर्णी २,१९९ आदि । ३. उत्तराध्ययनटीका ६ पृ० ५३५ आदि । अन्य परम्पराओं के लिए देखिए, रतिलाल मेहता, प्रीबुद्धिस्ट इंडिया, पृ० ४८; रायचौधुरी, वही, पृ. ६१,७०,११४ । ४. मज्झिमनिकाय (३.८.१, पृ०६८) के अनुसार, अजातशत्रु ने राजगृह की इसलिए किलेबंदी करायी कि उसे भय था कि कहीं प्रद्योत आक्रमण न कर दे ।
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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