________________
जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज
[ ० खण्ड
प्रातः काल होने पर गायें चरने जातीं, फेंचेवाले अपने व्यापार के लिये निकल पड़ते, लुहार अपने काम में लग जाते, किसान अपने खेतों में चले जाते, मच्छीमार मछली पकड़ने के लिए रवाना हो जाते, खटीक लाठी लेकर कसाईखाने में पहुँचते, माली अपनी टोकरी लेकर बाग में जाते, राहगीर रास्ता चलने लगते और तेली आदि अपने यंत्रों में तेल पेरने लगते ।
२१८
१. निशीथ भाष्य १.५२२ ।