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GOOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGO®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®OGOGOGOGOGOG पंडित मरण एवं बाल पंडित मरण, इन तीन मुख्य विषयों पर विवेचन किया गया है । इसके
अन्तर्गत देशविरति, धर्म का स्वरूप, अतिचार, आलोचना, हिंसादि, विरति, प्रतिक्रमण, निंदा आदि समाविष्ट है, संथारा की विधि का भी वर्णन है।
तंदुल वैचारिक पयन्ना का विवरण आश्चर्य यउत्पन्न करे ऐसा बौद्धिक विचार है । शरीर की अशुचि भावना का विषय मुख्य रूप से लिया गया है। ___ मनुष्य का गर्भकाल, गर्भस्थ जीवन की गति, गर्भ के अंतर्गत जीवन का विकास क्रम,
आहार, अंगरचना, गति, प्रसव विषयक निरुपण, प्रसवकाल, प्रसव वेदना, मनुष्य की 10 दशा, युगलिक धर्म, शतायु वर्ण वाला जीव का आहार एवं अशुचि भावना, स्त्री के शरीर आश्रित निर्वेद वैराग्य उपदेश - आदि का वर्णन है।
Detailed gynecological explanation is astounding and highly surprising.
मनुष्य के जीवन में कुल कितने श्वासोस्वास है और कितने तंदल (चावल) प्रमाण आहार करते हैं, इन मुख्य विषयों का वर्णन करते मूंग, घी, मीठा, वस्त्र आदि के उपभोग का वर्णन किया गया है।
संथारा धारण करने वाले महापुरुष :
आर्या पुष्पचूला के धर्माचार्य अर्णिका पुत्र, सुकोमल ऋषि, उज्जैन के अवंतिसुकुमाल, चाणक्य, काकंदी नगरी के अभयघोष राजा, चिलातीपुत्र गजसुकुमाल आदि, संथारा करने वाले गुरु श्रमण संघ, संपूर्ण जीव राशि से क्षमायाचना करते हैं।
'आयरिय उवज्झाए' सूत्र की तीन गाथाएं इस विषय में सुप्रसिद्ध हैं।
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