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तारा बिना मारूं जीवन अधुरूं तारा विना, मारूं जीवन अधूरूं तारा संगाथ मां, पूरूं ने मधुरुं। तारा विना।
तारी तासीर छे, अतीत नी बारी, भीनी संवेदना, स्पर्श अति भारी, दिल चहे भवोभव, तारो साथ करूं, तारा संगाथ मां, पूरुंने मधुरुं।
तारा विना ।
तूमले, धरती ऊपर स्वर्ग उतरे, मन नां आकाशे, मेघधनुष प्रसरे, तारा संगाथे, सिद्धशिला' सर करूं, तारा संगाथ मां, पूरुंने मधुरुं।
तारा विना ।
हंस शमणा नो, समर्पण नी पांखो, ऊर्जा ‘श्रद्धांध' की, तुझ भीनी आंखों, दृढ़ छे विश्वास-दम, पुरुषार्थ करूं, तारा संगाथ मां, पूरुं ने मधुरुं।
तारा विना ।
- 'श्रद्धांध
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