SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 389
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २७०७090909009009009090050७०७09090090909050७०७090७०७७०७०७ धन्ना अणगार 'प्रबुद्ध जीवन सामयिक' 'अनुतरोपपात्तिक सूत्र' लेख में से धन्ना अणगार ‘अनुत्तरोपपातिक सूत्र' आगमों में नवां अंग सूत्र है । जिसमें धन्यकुमार जो धन्ना अगणार बने उनकी रोचक कथा का वर्णन है। काकंदी नगरी, भद्रा नाम की सार्थवाही का पुत्र धन्य कुमार । भद्रा सार्थवाही एक साधन सम्पन्न सन्नारी, प्रचुर धन संपत्ति, विपुल गौधन, अनेक दास-दासियों की संपदावाली एवं समाज में सम्मानयुक्त नारी थी। धन्यकुमार समृद्ध परिवार में जन्मे थे । सुंदर देह, पांच धाय माताओं : (1) क्षीर धात्री (2) मज्जन धात्री, (3) मंडन (श्रृंगार) धात्री, (4) खेलन धात्री एवं (5) अंतर धात्री (गोद में लेकर घूमे) द्वारा पालन पोषण, 32 कन्याओं के साथ पाणिग्रहण हुआ। माता की ओर से धन्यकुमार को प्रीतिदान में सोना, चांदी, मोती, गोकुल, घोड़ा, हाथी, दासी आदि का ऐश्वर्य 32-32 के प्रमाण में मिला था । जिसे धन्यकुमार ने प्रत्येक पत्नि को दे दिया था। महावीर प्रभु काकंदी में पधारे । धन्यकुमार चलकर भगवान के दर्शन को जाते थे। उपदेशामृत पीते वैराग्यवासित बन अणगार बने । जिस दिन दीक्षा अंगीकृत की उसी दिन भगवान की आज्ञा लेकर जीवन पर्यंत निरंतर छट्ठ तप तथा पारणे में आयम्बिल करने की प्रतिज्ञा ली। अद्भुत आहार अनासक्त जीवन दर्शन । __ आयम्बिल का आहार संसृष्ट हाथ से अर्थात् खड़े हुए या आहार से लिप्त हाथ से दो तो ही कल्पे । क्योंकि वह आहार उज्जित आहार अर्थात् जो अन्न प्राय: कोई इच्छता नहीं, फेंक देने योग्य वैसा ही नि:रस आहार लेने की प्रतिज्ञा। ७050505050505050505050505050356500900505050505050090050
SR No.007276
Book TitleShrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Doshi
PublisherVijay Doshi
Publication Year2017
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy