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________________ दिशत् ___ B C D नतवत् - विन्दमान . लुभ्यमान वित्तवत् . वहत् उद्यमान ऊढवत् . वपत् . आहूयमान दग्धवत् स्निात् . विज्यमान दुग्धवत् वसत् विद्यमान दृष्टवत् आह्वयत् उह्यमान उप्तवत् उप्यमान क्षिप्तवत् पचत् उष्यमाण त्यक्तवत् सृजत् क्रुध्यमान विक्तवत् लुभ्यत् नम्यमान पक्ववत् मुह्यत् स्निह्यमान २२ | दूढ . उषितवत् . त्यजत् द्रुह्यमाण २३ स्निग्ध . गतवत् . नश्यत् . दीयमान २४ आहूत . दत्तवत् - नृत्यत् . गम्यमान २५ | ऊढ . क्रुद्धवत् . पुष्यत् . क्षीयमाण |२६| विग्न - शसितवत् - पिबत् . शस्यमान २७ | विन्न . उदितवत् - पश्यत् दह्यमान [6] असभा आपे विseपना माघारे पादाक्या पूरी :- (cull ત્રણ કૃદન્તો દ્વારા પછીની ખાલી જગ્યા પૂરો) 1. आ + रभ् - ......... (आरभ्त, आरब्ध, आरम्भित)..., ..., .... 2. आ + कृष् - ....(आकृषितवत्, आकृष्टवत्, आकृष्यवत्), ...., ..., ... 3. द्युत् - ......... (द्युतमान, द्योत्यमान, द्योतमान) ....., ..., .... 4. प्र+सीद् - ......... (प्रसीद्यमान, प्रसद्यमान, प्रसीदिमान) ....., ...., .... 5. निस्+पद् ....... (निष्पदित, निष्पन्न, निष्पत्त) ...., ...., .... 6. उत्+पद् .......... (उत्पन्नवत्, उत्पदितवत्, उत्पत्तवत्) ....., ...., 7. भज् - ......... (भाज्यमान, भक्तमान, भजमान) ...., ...., .... 8. युज् - ........ (योज्यमान, युज्यमान, युक्तमान) ....., ...., ..... 9. अनु+इष् - ....... (अन्विषित, अन्विषिष्ट, अन्विष्त) ....., ...., .... 3. सल संस्कृतम्-१.3.3.3 98.3.3.3.3.3.3.3 416-23.3.3
SR No.007260
Book TitleSaral Sanskritam Prathama
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhaktiyashvijay
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year
Total Pages304
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size34 MB
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