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६१ जालेश
६२ जेहराणा
६३ जैनसंगवाल ६४ जैसवाल
६५ डोडू
६६ डीसावाल
६७ तिलोरा ६८ तैलटा
६६ दसोरा
७० दहवड़
७१ वाहिय
७२ दोसंखा
७३ दोहिल
७४ धाकड़
७५ धावड़ी
७६ धूमड़ा
७७' नरसिंहउरा
७ नागद्रहा
७ह नागर
८० नांगौरा
८१ नाणावाल
८२. नाईल
८३. निगमाः
८७ पवई
८८ पंचवंश
८४ नीमानी
८५ पद्मावतील
८ पुष्करवाल
६० पूर्वा
&& पेरूचा
६२ पोरवाड़
६३
६४ बघेरवाल
६५ बघरा
६६ बसीड
हे बाबर
हद वाल्मिकी
गृह बीघूँ
१०० बुँदोतिया
१०१ ब्रह्माणों
१०२ मेटनागर
१०३ भटेवरा
१०४ मड़िया
१०५ मीटिंया
१०६ मुंगडिया
१०७ भूमी
१०८ मडालिया
*
१३ मंडलिया
११४ मायेर
११५ मारव
११६ मुँडेरा
११७ मुवरिया
११८ मेड़तवाल
११.६. मेवाड़ा
१२० मोढ़
१२१ राजउरा
१२२ रायकड़ों
१२३] रातवाल
१३४ शेतक
१२५ लाड़सिखा
१२६ लाड
१२७ लाई श्री श्रीमाली
१२८ लूवेची
१२ह लौहाणा
१३० लोगा
१३१ वेलहीया
१३२ बागड़
१'३३ वीर्यड़ा
१३४ वांगलीय
१३५ वैसु
१३६ वोपड़ी
१३७ श्रवणपगा
१३६ श्रीमाल
१४० श्रीश्रीमाल
१४१ सत्याग
१४२. सरसईया
१४३ सहला
१४४ सहसरड़ा
१४५ सहिलवाल
१.४६ साचुरा
१४७ सामुरा
१४८ साण्डेरा
१४६ सौंदरा
१५० सौरोहियाँ
१५१ सोहरा
१५२ सुहड़वाल
१५३ सुहवाल
१५४ गा
१५५ सेरिया
१५६ सोनी
१५७ सोरठिया १५८ सोडवाल
१५६' हरसुरा
१६०० हार्लर
१६१. लॅम्बड
[२५
१०६ मडाहटा
११० मंडोव
१११ मड़केसरा
८६ पल्लीवाल
११२ माथुर
१३८ श्रीगोड़
इन चौरासी ज्ञातियों के नामों पर दृष्टिपात करने पर इनका नामकरण स्थानों के नाम से हुआ सिद्ध होता है । 'विमलप्रबंध यादि में वैश्यों की साड़ी बारह नात की गाथा इस प्रकार है :--
श्री श्रीमाला, उएसा क्लीनमिण तहाँ मेडते, विश्वेरा, डिंड्या, खण्ड्या, तद नगरा । हरिसउरा, जाईल्ला, पुष्कर तह डिडियड़ा, खण्डिलवाल श्रद्धय वारस जाई हातें ॥
इनमें खण्डेलवालों की आधी ज्ञाति मानने का कारण स्पष्ट नहीं है। यदि इनमें आ जैन और माथे जैनेतरु दो भेद मान कर चलें तो भी विश्वेश, खमुद्रा यादि ज्ञातियों का जैन होने का कोई प्रमारी नहीं