________________
अर्बुदगिरिस्थ श्री खरतरवसहि :- अद्भुत भावनाट्यपूर्णा पांच नृत्यपरायणा वराङ्गनाओं के शिल्पचित्र। (प्राग्वाट-इतिहास के उद्देश्य
के बाहर है; परन्तु पाठकों की शिल्पपरायणा अभिरुचि को दृष्टि में रख कर शिल्प के ये उत्तम चित्र दिये गये हैं।)