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________________ खण्ड] :: मंत्री भ्राताओं का गौरवशाली गूर्जर-मंत्री वंश और अर्बुदाचनस्थ श्री लूणसिंहवसतिकास्य : [ १७७ १२८८ तैयालीसवीं मं० वस्तुपाल की प्र० स्त्री ललितादेवी १२८८ चौमालीसवीं , का पु० जयंतसिंह १२ पैंतालीसवीं , के पु० जयंतसिंह की प्र० स्त्री जयतलदेवी ... १२८८ छियालीसवीं वा " , द्वि० स्त्री सुहवदेवी ... १२८८ सैतालीसवीं त. स्त्री रूपादेवी ... १२८८ अड़तालीसवीं मं० मालदेव की पु० सहजलदेवी म० तेजपाल और उसके परिवार के श्रेयार्थःसतरहवीं मं० तेजपाल के पुत्र लूणसिंह की प्र० स्त्री रयणादेवी १२६० अट्ठारवीं , , की द्वि० स्त्री लक्ष्मीदेवी ... १२६० उन्नीसवीं मं० तेजपाल की स्त्री अनुपमादेवी - मुनिसुव्रत १२६० बीसवीं पु० वउलदेवी १२६० इक्कीसवीं लूणसिंह की पु० गउरदेवी ... १२६० मन्त्री भ्राताओं की भगिनियों के श्रेयार्थःछब्बीसवीं मन्त्री भ्राताओं की भगिनि जाल्हूदेवी सीमंधरस्वामि चै. कृ.८ शु. १२६३ सत्ताईसवीं माऊदेवी युगंधरस्वामि . १२६३ अट्ठाईसवीं साऊदेवी श्रीवाहुस्वामि , १२६३ उनत्तीसवीं धणदेवी सुवाहुस्वामि , १२६३ तीसवीं सोहगादेवी ऋषभदेवस्वामि , १२६३ इकत्तीसवीं वयजूदेवी वर्धमानस्वामि , १२६३ पैतीसवीं पद्मलदेवी वारिषेणस्वामि चै. कृ.७ १२६३ [चौतीसवीं ,, के मामा पुण्यपाल तथा उसकी स्त्री पुण्यदेवी चन्द्राननस्वामि , १२६३ गर्भगृह के द्वार के दोनों ओर नवचौकिया तेजपाल की खी सुहड़ादेवीर १० १. शांतिनाथ १२६७ में दो गवाक्ष-देराणी-जेठाणी के आलय - दंडनामक तेजपाल का सहड़ादेवी के साथ विवाह वि० सं० १२६० के पश्चात् हुआ है ऐसा प्रतीत होता है; क्योंकि वि० सं०१२६० में विनिर्मित देवकुलिकाओं में, जिनका निर्माण तेजपाल ने अपने ही परिवार के श्रेयार्थ करवाया था, कोई देवकुलिका तेजपाल की द्वि० स्त्री सुहडादेवी के श्रेयार्थ नहीं है।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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