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________________ खण्ड ] :: मंत्रो भ्राताओं का गौरवशाली गूर्जर-मंत्री वंश और अबु दाचलस्थ श्री लूणसिंहवसतिकाख्य :: [ १७५ ६. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा ८ अष्टमी (गुज० फा० कृ० ८ ) के दिनं हंडाउद्रा ( हणाद्रा) और डवाणी ग्रामों के अधिवासी: श्रीमालज्ञातीय शेठ आंबु जसरा " 11 " 19 " 71 27 " " " "" 19 ,, जिनदेव जाला " देला वीसल " 11 " ७. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा ६ नवमी (गुज० फा० कृ० ६ के) दिन मडाहड़ (मदार ) ग्राम के अधिवासी : प्राग्वाटज्ञातीय शेठ देसल ब्रह्मशरण प्राग्वाटज्ञातीय शेठ श्रबुय बोहड़ी " जसकर घणिया " वोसरी पूनदेव " देल्हण श्रल्हा वीरुय साजण " " वाल्हा पदमसिंह 99 " पाहुय जिनदेव ८. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा १० दशमी (गुज० फा० कृ० १०) के दिन साहिलवाड़ा ग्राम के अधिवासी: सवालज्ञातीय शेठ देल्हा आल्हण सवालज्ञातीय शेठ जसदेव वाहड़ नागदेव देव सीलण देल्हण लखमण सू असल जगदेव सूमिग धनदेव " " काल्हण असल वोहिथ लाखण गोसल वहड़ा 11 श्रीमालज्ञातीय शेठ थिरदेव विरुय " गुणचन्द्र देवधर हरिया हेमा 11 " 11 " 17 प्राग्वज्ञातीय 17 17 17 " 19 27 " " सधर सल 11 आसल सादा लखमण कडुया आदि " ," वहुदा " महधरा धनपाल 11 तथा श्री अर्बुदाचल के ऊपर स्थित श्री देउलवाड़ा के निवासी सर्व श्रावकसमुदाय श्री नेमिनाथदेव के पंचकल्याणक-दिवसों में प्रतिवर्ष स्नात्र - पूजा आदि महोत्सव करें। " पूनिग वाघा आदि इस प्रकार यह व्यवस्था, श्री चंद्रावतीनरेश राजकुल श्री सोमसिंहदेव, उनके पुत्र युवराजकुमार श्री कान्हड़देव और अन्य प्रमुख राजकुमारगण, राज्यकर्मचारीगण, चन्द्रावती के स्थानपति भट्टारक (आचार्य अर्थात् धर्माचार्यगण), गूगुलि ब्राह्मण (पंडा-पूजारीगण ), सर्व महाजन संघ, जैनमंदिरों के व्यवस्थापकगण और इसी प्रकार अर्बुद गिरि पर स्थित श्री अचलेश्वर और श्रीवशिष्ठ स्थानों के तथा समीपवर्ती ग्राम १ देवलवाड़ा २ श्री माता का महबु ग्राम ३ आबुय ४ रसा ५ उत्तरछ ६ सिहर ७ सालग्राम ८ हेडऊंजी ६ श्राखी १० धांधलेश्वरदेव की कोटड़ी आदि बारह ग्रामों में रहने वाले स्थानपति ( आचार्य, महंत), तपोधनसाधु, गूगुलि ब्राह्मण और राठिय आदि.. सर्वजनों ने तथा भालि, भाड़ा आदि ग्रामों में निवास करने वाले श्री प्रतिहारवंश के प्रमुख राजपुत्रों ने अपनी अपनी इच्छा से श्री ' लूणसिंहवसति के मूल नायक श्री नेमिनार्थदेव' के मंडप में एकत्रित होकर मंत्री श्री तेजपाल के कर से अपनी स्वेच्छापूर्वक श्री ' लूणसिंह वसति' नामक इस धर्मस्थान की रक्षा करने का भार स्वीकृत किया ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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