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:: प्राग्वाट-इतिहास ::
[ द्वितीय
१ प्रतिष्ठामहोत्सव की प्रारंभ-तिथि देवकीय चैत्र कृष्णा ३ तृतीया (गुजराती फाल्गुण कृ० ३ तृतीया) के दिन प्रति वर्ष श्री चन्द्रावती का निवासी समस्त महाजन-सङ्घ और जिनमन्दिरों के व्यवस्थापक तथा गोष्ठिक एवं कार्यकर्तागण आदि सर्व श्रावक समुदाय तथा ऊंवरली और कीवरली ग्रामों के अधिवासी:प्राग्वाटज्ञातीय शेठ रासल आसधर,
धर्कटज्ञातीय शेठ नेहा साल्हा " , माणिभद्र आल्हण
, , धउलिग श्रासचन्द्र " , देल्हण खीमसिंह
, ,, बहुदेव सोम सावड़ श्रीपाल
" , पासु सादा , ,, जींदा पाल्हण
श्रीमालज्ञातीय पूना साल्हा आदि , पूना साल्हा २. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा ४ चतुर्थी (गुज० फा० कृ० ४) के दिन कासहृदग्राम के अधिवासीःओसवालज्ञातीय शेठ सोही पाल्हण
प्राग्वाटज्ञातीय शेठ सांतुय देल्हण " शलखण वलण
" , गोसल आल्हा श्रीमालज्ञातीय ,, कडुयरा कुलधर
" , कोला अम्बा " " पासचन्द्र पूनचन्द्र
" जसवीर जगा
, ब्रह्मदेव राल्हा आदि ३. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा ५ पंचमी (गुज० फा० कृ० पंचमी) के दिन वरमाणग्राम के अधिवासी:प्राग्वाटज्ञातीय महाजन आमिग पूनड़
ओसवालज्ञातीय महाजन धांधा सागर पाल्हण उदयपाल
साटा वरदेव वीरदेव अमरसिंह
" , आवोधन जगसिंह , शेठ धनचन्द्र रामचन्द्र श्रीमालज्ञातीय , वीसल पासदेव आदि ४. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा ६ षष्ठी (गुज० फा० कृ. ६) के दिन धवलीग्राम के अधिवासी:प्राग्वाटज्ञातीय शेठ साजन पासवीर
प्राग्वाटज्ञातीय शेठ राजुय सावदेव , वोहड़ी पूना
" , दुगसरण साहणीय , जसडुय जेगण
ओसवालज्ञातीय सलखण मन्त्री जोगा " साजण भोला
, शेठ देवकुमार आसदेव आदि , पासिल पूनुय ५. प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा ७ सप्तमी (गुज० फा० कृ० ७) के दिन मुण्डस्थलमहातीर्थ (मूङ्गथला) के अधिवासी:. प्राग्वाटज्ञातीय शेठ संधीरण गुणचन्द्र पाल्हा
" ,, सोहिय आंबेसर
, जोजा खांखण श्रीमालज्ञातीय शेठ वापल गाजण आदि [फीलिणीग्राम के निवासी ।]. .......... ...........
दफालिगोग्राम के निवासी।