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विषय-सूची
प्रथम खण्ड
शांक
प्रयास
विषय
पृष्ठांक विषय महावीर के पूर्व और उनके समय में भारत
लक्ष्णवती घोड़ी का खरीदना और उससे बहु- .. ब्राह्मणवर्ग और क्रियाकाण्ड में हिंसावाद ३ मूल्य वत्स की प्राप्ति तथा कांपिल्यपुरनरेश को बाहरी आक्रमणों का प्रारंभ
उसे बेचना महान् अहिंसात्मक क्रांति, बौद्धधर्म की स्थापना । घोड़ों का व्यापार और एक ज्ञाति के अनेक घोड़ों और भगवान महावीर का दयाधर्म और प्रचार ४ को सार्वभौम सम्राट विक्रमादित्य को भेंट करना श्रावकसंघ की स्थापना
और मधुमती-जागीर की प्राप्ति महावीर के निर्वाण के पश्चात्
मधुमती में प्रवेश और मण्डल का शासन २० जैनाचार्यों के द्वारा जैनधर्म का प्रसार करना ६
पुत्ररत्न की प्राप्ति और उसकी शिक्षा स्थायी श्रावकसमाज का निर्माण करने का
आवड़शाह का सुशीला के साथ विवाह २२ जावड़शाह का विवाह और माता-पिता का स्वर्गगमन
" प्राग्वाटश्रावकवर्ग की उत्पत्ति
मधुमती पर मलेच्छों का आक्रमण और जावड़श्रीमालपुर में श्रावकों की उत्पत्ति
शाह को बन्दी बनाकर ले जाना प्राग्वाटवंश
जैन उपदेशकों का आगमन और जावड़शाह पद्मावती में जैन बनाना
को स्वदेश लौटने की आज्ञा नैन वैश्य और उनका कार्य
जावदशाह का स्वदेश को लौटना और ... प्राग्वाट प्रदेश
शर्बुजयोद्धार शर्बुजयोद्धारक परमाईत श्रे० सं० जावड़शाह
जावड़शाह और सुशीला का स्वर्गगमन । श्रेष्ठि भावड़ और उनकी पतिपरायणा स्त्री तथा । सिंहावलोकनउनकी निर्धनता
धर्मक्रान्ति मुनियों को आहारदान और उनकी आशीर्वाद- धार्मिक जीवन युक्त भविष्यवाणी
सामाजिक जीवन और आर्थिक स्थिति २७
द्वितीय खण्ड वर्तमान जैन-कुलों की उत्पत्ति
वर्तमान जैनसमान अथवा जैनज्ञाति की स्थापना श्रावकवर्ग में वृद्धि के स्थान में घटती ३१ । पर विचार और कुलगुरु-संस्थायें .३२