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आगम संबंधी साहित्य
अंग-सूत्रादि-अकारादि
[अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्राक
यहां
देखीए
श्रीआचारांगाद्येकादशांग्याः। सूत्राद्यकारादि
अंगाकारादि।
दीप क्रमांक के लिए देखीए
___मुद्रयित्रीमालवदेशान्तर्गतश्रीरत्नपुरीय( रतलाम )श्रीऋषभदेवजीकेशरीमलजीत्यभिधाना श्वेताम्बरसंस्था । मुद्रका-इन्दोर जैनबन्धु मुद्रणालयाधिपतिः श्रेष्ठी जुहारमलजी, पालरेचा,
भावनगरीय महोदयमुद्रणालयाधिपतिः श्रेष्ठी गुलाबचन्दजी लल्लुभाइ। वीरसंवत् २४६३ विक्रमसंवत् १९९३
काइस्टसन् १९३० प्रत ५००
पण्यं ४-०-०
'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
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