________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः 44 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च “नन्दी-चूलिकासूत्र" [हरिभद्रसूरिजी-रचिता वृत्तिः] (किंचित वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: “नन्दीसूत्र” मूलं एवं वृत्तिः” नामेण परिसमाप्त: Remember it's a Net Publications of 'jain_e_library's' ~124