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________________ कहाँ! 4 . 5. निरप अनुक्रमणिका क्या ? विषय-प्रवेश 1. नयज्ञान की आवश्यकता 2. नयों का सामान्य स्वरूप 3. नयों की प्रमाण से भिन्नता और अभिन्नता 4. नयों के मूल भेद निश्चयनय और व्यवहारनय 6. जैनाभास 7. पक्षातिक्रान्त 8. निश्चयनय के भेद-प्रभेद 9. व्यवहारनय के भेद-प्रभेद 10. पंचाध्यायी में समागत • व्यवहारनय के भेद-प्रभेद एवं नयाभास 11. नयों के सन्दर्भ में : आगम और अध्यात्म 12. द्रव्यार्थिकनय और पर्यायार्थिकनय 13. द्रव्यार्थिकनय के भेद-प्रभेद 14. पर्यायार्थिकनय के भेद-प्रभेद 15. नय के तीन रूप - शब्दनय, अर्थनय, ज्ञाननय 16. नैगमादि सप्त नय 17. सैंतालीस नय 18. अनेकान्त-स्याद्वाद 19. सप्तभंग 154 191 208 216 237 266 279 287 315 356 370 38 नय-रहस्य
SR No.007162
Book TitleNay Rahasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaykumar Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2013
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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