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________________ 225 द्रव्यार्थिकनय और पर्यायार्थिकनय 'द्रव्य' शब्द के विभिन्न प्रयोग इसप्रकार हैं - 1. प्रमाण की विषयभूत 'द्रव्य' शब्द से कथित द्रव्य-क्षेत्रकाल-भावात्मक सम्पूर्ण वस्तु जो कि सामान्य-विशेषात्मक, भेदाभेदात्मक, नित्यानित्यात्मक और एकानेकात्मक है। 2. आगम शैली से इस जीवद्रव्य में रागादि विकार, गुणस्थानादि भेद तथा नर-नारकादि सभी पर्यायें शामिल हैं। . 3. अध्यात्म शैली के प्रमाण में शुद्ध जीवद्रव्य और मात्र उसकी निर्मल पर्यायें शामिल होती हैं। ____ 4. द्रव्यार्थिकनय का विषयभूत द्रव्यांश या अंशी जो कि केवल सामान्य, अभेद, नित्य और एक है। 5. द्रव्य-क्षेत्र-काल और भाव में प्रयुक्त द्रव्य जो कि क्षेत्र-काल और भाव के आधारभूत मूल पदार्थ है। इन प्रयोगों को इस चित्र के माध्यम से अच्छी तरह समझा जा सकता है - सामान्य-विशेषात्मक सम्पूर्ण द्रव्य सामान्य द्रव्य क्षेत्र एक | एक K अनेकात्मक द्रव्य अभेद | । भेदअभेदात्मक भाव / काल नित्य नित्य-अनित्यात्मक
SR No.007162
Book TitleNay Rahasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaykumar Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2013
Total Pages430
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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