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नय-रहस्य 9. देश की एकता और अखण्डता | 9. आत्मानुभूति की दृष्टि से द्रव्य . की दृष्टि से राष्ट्रीयता पर अधिक | के अभेदस्वभाव को भूतार्थ कह
बल दिया जाता है और प्रान्त, कर उसका अवलम्बन कराया भाषा आदि के भेद को हेय- जाता है तथा भेद को गौण करके दृष्टि से देखा जाता है। असत्यार्थ अभूतार्थ हेय कहा
जाता है। 10. अन्य देशों में सम्बन्ध रखते | 10. अन्य द्रव्यों से व्यावहारिक
हुए भी अपनी प्रभुसत्ता और सम्बन्ध होने पर भी अपनी अखण्डता कायम रखना -- निरपेक्षता एवं अखंडता कायम यही देश की सुरक्षा है, रखना – यही द्रव्य की शुद्धता सम्प्रभुता है; जो राष्ट्र के है, जो उसका . शाश्वत शासकों की पहली जिम्मेदारी स्वरूप/त्रिकाली स्वभाव है,
उसे जाननेवाला परमशुद्ध
निश्चयनय ही नयाधिराज है। 11. देश की अखण्डता सुरक्षित 11. द्रव्य की अखण्डता और
रखकर भी प्रशासन की दृष्टि . प्रभुसत्ता सुरक्षित होने पर भी से उसमें गृह, सुरक्षा, विदेश, विश्व-व्यवस्था समझनेशिक्षा, स्वास्थ्य आदि अनेक समझाने की दृष्टि से उसमें विभाग होते हैं, जिनके गुण-पर्यायों के भेद किये जाते संचालन हेतु सर्वोच्च हैं तथा अन्य द्रव्यों के साथ
प्रशासक द्वारा अनेक मन्त्री सम्बन्ध भी बताया जाता है। .:. नियुक्त किये जाते हैं। इन सम्बन्धों का ज्ञान कराने
वाले अनेक नय होते हैं। 12. गृहमन्त्री आदि आन्तरिक 12. सद्भूतव्यवहारनय, द्रव्य की - - व्यवस्था सम्बन्धी विभागों| आन्तरिक व्यवस्था सम्बन्धी