________________
पक्षातिक्रान्त
119
इस विषय का गम्भीर चिन्तन करके निर्विकल्प अनुभूति हेतु प्रयास
करना ही श्रेयस्कर है।
अभ्यास-प्रश्न
1. पक्ष और पक्षातिक्रान्त का आशय लौकिक सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए । 2. अज्ञानी और ज्ञानी को अलग-अलग नयपक्ष किसप्रकार घटित होते हैं ? 3. केवली एवं ज्ञानी की पक्षातिक्रान्त दशा में अन्तर एवं समानता स्पष्ट
कीजिए ।
4. पक्षातिक्रान्त दशा निरन्तर रहती है ? स्पष्ट कीजिए ।
नय-लक्ष्मी का उदय न होता, अरु प्रमाण भी लय होता । हम न जानते कहाँ हो गया, यह निक्षेप समूह विलय ।। तेजपुंज चैतन्य मात्र का, भेद रहित जब अनुभव हो । और अधिक क्या कहें, द्वैत भी भासित नहिं होता हमको ।।
समयसार कलश 9
-