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________________ 7. संस्कार एवं शिक्षण शिविर : जैन साहित्य सम्पदा, संस्कृति एवं सभ्यता के प्रति लोगों की अभिरूचि पैदा करने के लिए संस्थान समय-समय पर संस्कार एवं शिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है। अभी तक 75 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। अनेकान्त वाचनालयों की स्थापना : संस्थान द्वारा 20 स्थानों पर अनेकान्त वाचनालयों की स्थापना इस उद्देश्य से की गई है कि स्वाध्याय का प्रचार-प्रसार हो सके। 9. जन कल्याण निधि : इसके अन्तर्गत शिक्षा चिकित्सा एवं अन्य जनोपयोगी कार्यों के लिए सहयोग किया जाता है। 10. अनेकान्त प्रज्ञाश्रम : त्यागीव्रती एवं सदाचारी श्रावक श्राविकाओं के लिए आवास, आहार, स्वाध्याय आदि संसाधन श्रृतधाम में सलभ कराए गए हैं ताकि आत्मार्थीजन आत्म कल्याण कर सकें। संस्थान के विकास में आपकी सहभागिता इस प्रकार प्राप्त हो सकती है1. परम शिरोमणि संरक्षक सदस्यता - 51001/2. शिरोमणि संरक्षक सदस्यता 31001/3. परम संरक्षक सदस्यता 15001/4. संरक्षक सदस्यता 11001/5. जिनवाणी सदस्यता 5101/6. अक्षय निधि सदस्यता 500 प्रतिमाह 1. दान में दी गई राशि 80G के अन्तर्गत आयकर मुक्त हैं। 2. अनेकान्त ज्ञानमंदिर एवं शोध संस्थान के नाम से SBI बैंक में एकाउन्ट नं. 10778899326 में जमा कर सूचित करें। निवेदक अनेकान्त ज्ञानमंदिर एवं शोध संस्थान बीना (म.प्र.) 470113 फोन (07580) 206025, 222279
SR No.007147
Book TitleParikshamukham
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikyanandi Aacharya, Vivekanandsagar, Sandip
PublisherAnekant Gyanmandir Shodh Samsthan
Publication Year2011
Total Pages22
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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