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सन्दर्भ सूची
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64. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 4237, पृ. 437 और 38.14-15, पृ. 390 65. हुकमचन्द भारिल्ल-सम्पादक, बृहज्जिनवाणी संग्रह, दसम् संस्करण, अखिल भारतीय जैन ___ युवा फैडरेशन,जयपुर, 2006, पृ. 177 66. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 38.23, पृ. 392 67. वही, 38.24-26, 28, और 38.30-32, पृ. 392-393 68. वही, 3.25, पृ.66 69. पतञ्जलि, योगसूत्र 1.27-28 70. आचार्य पार्श्वदेव, भक्ति के अंगूर और संगीत-समयसार, सम्पादक-नेमीचन्द जैन, मुनि
श्री विद्यानन्द चातुर्मास समारोह- समिति, इन्दौर, 1972, श्लोक 2, पृ. 34 71. वही, पृ. 25 (जैनपद संग्रह, 106) 72. द्रव्यसंग्रह टीका 50, पातनिका 209/8, देहली प्रकाशन, 1953 देखिए, जैनेन्द्र सिद्धान्त ___ कोश, भाग2, पृ500 73. अमितगति आचार्य, तत्त्वभावना, टीकाकार-सीतल प्रसादजी, मूलचन्द किसनदास
कापड़िया, सूरत, 1930, पृ. 319-320 74. आदिपुराण प्रथम भाग 21.120-130, पृ. 487-488 75. वही 23.61-62, 64, 66; 24.168 और 170, पृ. 547-548 और 591 76. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 39.1, 4-6, 18-20 और 23, पृ. 409-410 और 412 77. वही, 39. 32, 37 और 41-42, पृ. 413-415 78. वही, 39.46 और अन्तिम सोरठा, पृ. 416 79. वही, 40.15,16,19,31.35;40.28-31 और अन्तिम दोहा, पृ.419-420, 314
और 422-423 80. दीपचंदजी शाह काशलीवाल, अनुभव प्रकाश, श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट,
सोनगढ़, 1933, पृ. 29 81. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग4, पृ.31 82. नियमसार तात्पर्यवृत्ति 12 3; देखिए जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग4, पृ. 32 83. पद्मसिंह मुनिराज, णाणसार (ज्ञानसार), भाषा टीकाकार-त्रिलोकचन्द जी जैन, मूलचन्द किसनदास कापड़िया, सूरत, 1944 श्लोक 37, 38, 41-45 और 47, पृ. 29-34; देखिए
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 4, पृ. 33 84. आचारसार 77-79 और 81; देखिए जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 4, पृ. 33 85.शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 4.6, पृ.69-70