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जैन धर्म : सार सन्देश 16. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, द्वितीय संस्करण जैन धर्म प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, ___1941, पृ.63-64 17. वही, पृ.68 18. अमृतचन्द्रसूरि, पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, भाषाटीका सहित, श्लोक 77. पृ.43 19. हीरालाल जैन (संपादक), जैनधर्मामृत, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1960, iv. 20, पृ.114 20. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, जैन धर्म प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, 1941, पृ. 59 21. हुकमचन्द भारिल्ल, तीर्थंकर महावीर और उनका सर्वोदय तीर्थ, तृतीय श्री वीतराग-विज्ञान
साहित्य प्रकाशन, आगरा, 1975, पृ. 193 22. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, जैन धर्म प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, 1941, पृ.57 23. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव, हिन्दी भाषानुवाद सहित श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई,
1927, viii. 41 और 47, पृ. 117 और 118 24. हीरालाल जैन (संकलन-अनुवादकर्ता), जिन-वाणी, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशन, नयी
दिल्ली वाराणसी, 1944, श्लोक 413 और 415, पृ. 107 25. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव, हिन्दी भाषानुवाद सहित, viii-32, 33, 42 और 49, पृ. 115,
117 और 118 26. हीरालाल जैन (संपादक), जैनधर्मामृत, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1960, iv 29, 31 __ और 32, पृ. 117 27. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव, हिन्दीभाषानुवाद सहित, viii 35 और 57, पृ. 116 और 120 28. वही, viii 55, पृ. 119 29. वही, viii 48, पृ. 118 30. वही, viii 38, और 44 पृ. 116 और 117 31. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, द्वितीय संस्करण, जैन धर्म प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, ___ 1941, पृ. 52-53 32. पतञ्जलि, योगसूत्र II.35 33. हीरालाल जैन (सम्पादक), जैनधर्मामृत, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1960, iv. 27-28,
पृ.116 34. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव, पन्नालाल बाकलीवालकृत हिन्दीभाषानुवाद, श्रीपरमश्रुत प्रभावक
मंडल, बम्बई, 1927, viii 13-14 और 58, पृ.112 और 120 35. वही, viii 12,15 और 51 पृ.111, 112 और 119 36. हीरालाल जैन (संकलन-अनुवादकर्ता), जिन-वाणी, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन,
नयी दिल्ली, वाराणसी, 1944, श्लोक 417, पृ. 107