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________________ 14 जैन धर्म : सार सन्देश सत्य के साक्षात्कार की अनुभूति सबकी एक सरीखी है। अतः 'धर्म' के नाम पर हो रहे झगड़े सत्य और सिद्धान्त पर आधारित नहीं हैं, वरन् निजी स्वार्थ व लोगों को भ्रमित करने की भावना से प्रेरित हैं । ' यदि किसी भी धर्म की तह में जाकर उसके मूल सिद्धान्तों पर विचार करें तो हम पायेंगे कि सभी धर्म समान रूप से मनुष्य को अपने कल्याण का मार्ग दिखलाते हैं। सच्चे सन्त-महात्मा धर्म की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर अपना कल्याण करते हैं और फिर सबको अपने ही समान समझकर उनके हित के लिए उन्हें भी उसी धर्म का उपदेश देते हैं। पर यदि हम धर्म के मर्म को समझें ही नहीं और बाहरी क्रियाओं और कर्मकाण्ड को ही धर्म मान लें तो यह हमारी अपनी भूल है । यदि कोई व्यक्ति किसी फल के गूदे को फेंककर उसके ऊपरी छिलके को ही सबकुछ मान ले तो उसे न उस स्वादिष्ट फल का स्वाद मिलेगा और न सन्तुष्टि ही होगी। इसी तरह यदि कोई अन्न को छोड़कर भूसे को ही सार तत्त्व मान ले अथवा हीरे-जवाहरात को छोड़ उनके डब्बों को ही गले में लटकाये फिरे तो यह उसकी निरी मूर्खता है । समय-समय पर आनेवाले विभिन्न सन्तों और महात्माओं ने सत्य का साक्षात् अनुभव प्राप्त कर धर्म के सम्बन्ध में जो उपदेश दिया था वह मूलत: एकरूप था। पर समय, स्थान और परिस्थिति के अनुसार उन्होंने उसे विभिन्न ढंग से विभिन्न भाषाओं में समझाया था । बाद में आनेवाले धर्म के रखवालों ने, जिन्हें सत्य का साक्षात् अनुभव नहीं था, धर्म के मूल तत्त्व पर ध्यान न देकर विभिन्न परिस्थितियों से उत्पन्न बाहरी क्रियाओं, रीति-रिवाजों और कर्मकाण्ड पर ज़ोर देना शुरू कर दिया और अपने - अपने समय के महात्मा को सबसे बड़ा या श्रेष्ठ बतलाकर अपना-अपना अलग धर्म या सम्प्रदाय बना लिया। बाद में वे एक-दूसरे से वैर-विरोध कर आपस में लड़ने-झगड़ने लगे। यहाँ यह विचार करने की बात है कि जिसे स्वयं ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई है या जिसका ज्ञान केवल कुछ सांसारिक विषयों तक ही सीमित है वह महान् सन्तों और महात्माओं के आध्यात्मिक ज्ञान के ऊँचे या नीचे होने का निर्णय कैसे कर सकता है ? ज़मीन पर बैठा हुआ मनुष्य आसमान के अनेकों तारों
SR No.007130
Book TitleJain Dharm Sar Sandesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Upadhyay
PublisherRadhaswami Satsang Byas
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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