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इदमेतत्किं यत्तद्भ्यष्टो डिणा ॥ ३६९ ॥ तदो णः स्यादौ क्वचित् ॥ ३७० ॥ किम: कस्त्र - तसोश्च ॥ ३७१ ॥
इदम् इमः || ३।७२ ॥
पुं- स्त्रियोर्नवाऽयमिमिआ सौ ॥ ३७३ ॥ स्सि स्सयोरत् ॥ ३।७४ ॥
झेन ॥ ३७५ ॥
न त्थः ॥ ३७६ ॥
णोऽम् शस्-टा-भिसि ॥ ३७७ ॥
अमेणम् || ३|७८ ॥
क्लीवे स्यमेदमिणमो च ॥ ३१७९ ॥
किमः किं ॥ ३८० ॥
वेदं तदेतदो साम्यां से सिमौ ॥ ३८१ ॥
वैतदो ङसेस्तो - ताहे ॥ ३८२ ॥
त्थे च तस्य लुक् ॥ ३८३ ॥ एरदीती म्मौ वा ॥ ३८४ ॥ वैसेणमिणमो सिना ॥ ३८५ ।। तदक्ष तः सोऽक्लीवे ॥ ३१८६ ॥ वाऽदसो दस्य होऽनोदाम् ॥ ३॥८७॥
मुः स्यादौ ॥ ३८८ ॥
म्मावये वा ॥ ३८९ ॥
युष्मदस्तं- तुं - तुवं तुह तुमं सिना ॥ ३९० ॥ भे-तुब्भे-तुब्भ- तुम्ह- तुम्हे - उय्हे जसा ॥ ३९१ ॥ तं- तुं - तुमं तुवं तुह-तुमे तुए अमा || ३।९२ ॥
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वो - तुब्भ-तुब्भे- तुम्हे - उय्हे - भे शसा ॥ ३९३ ॥ -दि-दे-ते- तइ-तए तुमं तुम तुमए तुमे-तुमाइ टा
आमा || ३|१०० ॥
तुमे तुमए-तुमाइ - तइ-तए ङिना || ३|१०१ ॥
प्राकृतव्याकरणस्य मूलसूत्राणि
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तु तुव तुम तुह-तुम्भा ङौ || ३|१०२ ॥ सुप ||३|१०३ ॥
ब्भो म्ह ज्झौ वा ॥ ३।१०४ ॥
अस्मदो म्मि अम्मि अम्हि हं अहं अहयं सिना
॥ ३।१०५ ॥
अम्ह-अम्हे - अम्हो - मो वयं भे जसा ॥ ३|१०६ ॥ णे णं-मि-अम्मि-अम्ह मम्ह-मं-ममं-मिमं अहं अमा
॥। ३।१०७ ॥
अम्हे - अम्हो - अम्हणे शसा || ३|१०८ ॥
मि मे मम मम ममाइ मह मए-मवाइणे रा ॥३॥१०९ ॥
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अम्हेहि-अम्हाहि अम्ह - अम्हे णे भिसा ॥ ३।११० ॥
मइ-मम-मह- मज्झा ङसौ ॥ ३।१११ ॥
ममा - ऽम्हौ भ्यसि ॥ ३।११२ ॥
मे - मइ - मम - मह - महं- मज्झ-मज्झं- अम्ह-अम्हं ङसा
॥। ३।११३ ॥
- णो- मज्झ - अम्ह-अम्हं अम्हे - अम्हो-अम्हाण-ममाण
महाण- मज्झाण आमा || ३|११४ ॥
मि मह ममाह मए मे डिना || ३|११५ ।। अम्ह-मम-मह- मज्झा ङौ || ३|११६ ॥
सुपि ।। ३।११७ ।।
जेस्ती तृतीयादी || ३|११८ ॥
र्दो - बे ॥ ३।११९ ॥
दुवे- दोण्णि बेणि च जस्-शसा ॥। ३।१२० ॥ स्तिणिः || ३|१२१ ॥
चतुरश्चत्तारो - चउरो - चत्तारि ॥ ३।१२२ ॥ संख्याया आमो पह-हं ॥। ३।१२३ ॥ शेषेऽदन्तवत् ॥ ३।१२४ ॥
॥ ३९४ ॥
भे तुम्मेहि उम्मेहि उम्हेहिं तुम्हेहिं उम्हेहि भिसा ॥ ३३९५ ॥ न दीर्घो णो ॥ ३।१२५ ॥ तइ-तुव- तुम - तुह-तुब्भा ङसौ ॥ ३९६ ॥
डसेलुक् ॥ ३।१२६ ॥
तुम्ह - तुब्भ-तहिन्तो ङसिना || ३|९७ ॥
भ्यसश्च हिः || ३|१२७ ॥ ङेर्डेः || ३|१२८ ॥
तुम्भ तुम्होव्होम्हा भ्यसि ॥ ३९८ ॥
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तइ-तु-ते- तुम्हं - तुह-तुहं - तुव - तुम - तुमे - तुमो- तुमाइ दि-दे - एत् ॥ ३१२९ ॥
इ-ए-तुब्भोभोय्हा ङसा ॥ ३९९ ॥
द्विवचनस्य बहुवचनम् ॥ ३|१३० ॥
तु वो भेतुब्ध-तु तुम्माण तुवाण-तुमाण- तुहाण उम्हाण चतुर्थ्याः षष्ठी ॥ ३।१३१ ।।
तादव | ३|१३२ ॥
वधाड्डाश्च वा || ३|१३३ ॥