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Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics
(p. 269)
64) Hia ikhukkaigodari (? )...... For this Apabhramsa passage vide Appendix I.
(p. 269)
65) Hia itiricchivahi ( ? )..... For this Apabhramśa passage vide Appedix I.
66) Mahilattānanivvāhi (?)...... For this Apabhramsa passage vide Appendix I.
(p. 269)
(p. 269)
67) Savasalonigoradi ( ? )...... For this Apabhramsa passage vidc Appendix I.
68) Camdanihiekka-calara......
(p. 271) चंद-णिहिएक्क-चलणा णह-भमिर-मराल-णिहिणु (? णिहिअ-) अवर-वआ। कमल-वण-दिष्ण-हत्था अणु (?णह-) सिरी भुवणमोअरइ ॥ (चन्द्र-निहितैकचरणा नभो-भ्रमणशील-मराल-निहितापर-पदा । कमल-वन-दत्तहस्ता नभःश्री वनमवतरति ॥) Tuha asamam sohaggam......
(p. 271) तुह असमं सोहग्गं, अमहिलसरिसं च साहसं मज्झ । जाणइ गोलाऊरो, वासारत्तस्तद्धद्धरत्तो अ॥ (तवासमं सौभाग्यम् अमहिलासदृशं च साहसं मम । जानाति गोदापूरो वर्षारात्रार्धरात्रश्च ॥)
-Cf GS III. 31 70) Vevirasinnakaramguli......
( p. 272) वेविर-सिण्ण-करंगुलि-परिग्गह-क्खलिअ-लेहणी-मगे। - सोत्थि च्चिअ ण समप्पइ पिअसहि लेहम्मि किं लिहिमो॥
(वेपनशील-स्विन्न-करागुलि-परिग्रह-स्खलित/लेखनीमार्गे । स्वस्त्येव न समाप्यते प्रियसखि लेखे किं लिखामः ॥)
-GS III. 44
(p. 273)
71) Laivappadavi ( ? )...... For this Apabhraíša passage vide Appendix I. 72) Te pucchijjahi Pattadi ( ? )...... For this Apabhramśa passage vide Appendix I
(p. 273)