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________________ लिए सबसे पहले आवश्यक रासायनिक क्रिया कराई जाती है। उसके बाद निथारने व छनन की क्रिया की जाती है। ब्लीचिंग पाउडर, पोटाशियम पर्मैगनेट या राख आदि रसायनों का प्रयोग, पानी में पाए जाने वाले प्रदूषक तत्त्वों के प्रकार और मात्रा पर निर्भर करता है। छनन क्रिया में चार-कोल, बाल मिट्टी या बजरी तथा ग्रेवल आदि का उपयोग होता है। घरों में पीने के पानी को स्वच्छ बनाने के लिए कई तरह के उपकरण उपलब्ध है। टाटा, एक्वागार्ड, केंट आदि कई कंपनियों ने अपने-अपने जल शोधन के उत्पाद बाजार में मांग के अनुसार पेश किये हैं। जल-प्रबंधन : 1. ग्रामीण क्षेत्रों में जल की मांग 40 लीटर प्रति व्यक्ति/दिन है। 2. रेगिस्थान में यह मांग 70 लीटर होती है, क्योंकि वहाँ 30 लीटर अधिक पानी पशुओं के लिए है। 3. मानव के लिए जल की जीवन-रेखीय आवश्यकता 10 लीटर प्रति व्यक्ति/दिन है। व्यक्तिगत स्तर पर औसतन पानी की आवश्यकता इस प्रकार है: क्रिया जल की जरूरत (लीटर) पीने हेतु खाना बनाना, बर्तन धोना स्नान कपड़े धोना फ्लश कुल = 2000 लीटर प्रति माह अच्छे जल प्रबंधन के कुछ मुख्य बिन्दुओं को फोटो 18 में दर्शाया गया है। इससे यह सन्देश मिलता है कि यदि व्यक्ति थोडा विवेक से काम ले तो कितना जल प्रतिदिन बचा सकता है। जल -संयम का प्रशिक्षण हर परिवार के मुखिया को अपने बच्चों को जिम्मेदारी के साथ अवश्य देना चाहिए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006761
Book TitleScience of Dhovana Water
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJeoraj Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2012
Total Pages268
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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