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________________ भण्डार सागर हिमखंड / ग्लेशियर भू-जल झीलें जमीन की आद्रता वायुमंडल नदी की धाराएं जीव मंडल आयतन (घन कि.मी. ) 1370 29 9.5 0.125 0.065 0.013 Jain Education International 0.001 7 0.0006 जो जल पृथ्वी पर गिरता है, वह या तो रिस कर भूगर्भ जल में मिल जाता है या गर्मी से वाष्प बन कर आकाश में उड़ता है, वहां से पानी बनकर पृथ्वी पर वापिस जल में मिल जाता है । प्रतिशत 97.25 2.05 0.68 0.01 0.005 0.001 0.0001 0.00004 उपरोक्त जल भंडारों में जल स्थिर दिखाई देते हुए भी वह निरन्तर प्रवहन, वाष्पन, अवक्षेपण आदि क्रियाओं द्वारा चक्रित होता रहता है। पुराना जल, नए जल से स्थानान्तरित होता रहता है, प्रतिस्थापन की दर, अलग-अलग प्रकार के भंडारों में भिन्न-भिन्न होती है, वर्तमान में भू-जल का दोहन, इसके पुनर्भरण की गति से बहुत अधिक गति द्वारा किया जा रहा है, जो उनको रिक्त करते जा रहा हैं। तालिका - 2 जल भंडारों के प्रतिस्थापन की अवधि भण्डारण इकाई 1. ग्लेशियर 2. मौसमी बर्फ गिरना 3. जमीन आद्रता 4. उथला भूजल 5. गहरा भू-जल 6. झीलें 7. नदियाँ औसत प्रतिस्थापन अवधि 20-100 वर्ष 2-6 माह 1-2 माह 100-200 वर्ष 10,000 वर्ष 50-100 वर्ष 2-6 माह For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006761
Book TitleScience of Dhovana Water
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJeoraj Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2012
Total Pages268
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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