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________________ हवा में पानी का सतही-तनाव 20°C पर 7.28 dyn/cm होता है, इसी दबाव के कारण पानी की बूंदें गोलाकार रूप धारण करती हैं। पानी का आयतन गर्म करने से फैलता है। इसी गुण के कारण समुद्र की सतह का पानी, सूर्य की गर्मी से गर्म होकर फैलता है, जबकि गहराई में रहा हुआ पानी जल्दी गर्म नहीं हो पाता है। भूमध्य रेखा पर सूर्य का ताप, कर्क या मकर रेखा के अनुपात में ज्यादा गिरता है, अतः वहाँ पर सतह का पानी फैलकर भूमध्य रेखा से कर्क या मकर रेखा की तरफ बहता है, इसकी आपूर्ति करने के लिए समुद्र की गहराई में पानी, कर्क या मकर रेखा से भूमध्य रेखा की तरफ चलता है, इन्हें समुद्री धाराएँ कहते हैं। पानी में कई तरह के पदार्थ घुल सकते हैं। समुद्रों के या भूतलीय जल में कई मिनरल्स घुले रहते हैं। इसमें से कुछ पदार्थ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं, तो कुछ हानिकारक भी होते हैं, आर्सेनिक जैसे तत्त्व तो जानलेवा भी होते हैं, अतः पीने के पानी की गुणवत्ता की जाँच करवाना आवश्यक होता है। पानी में TDS (कुल घुलनशील तत्त्व) की मात्रा भी मापी जाती है, बहुत अधिक मात्रा में TDS होने से पानी पीने लायक नहीं रह जाता है। पानी में जीवः पानी कई प्रकार के जीवों का आधार ही नहीं होता है, बल्कि अनेक प्रकार के जीवों को अपने में प्रश्रय भी देने वाला होता है, बी. स्कोरबी द्वारा गंगा जल के पानी की एक बूंद में भी 36000 तक सूक्ष्म जीव, देखे गए थे, ज्यादा शक्तिशाली सूक्ष्म-दर्शक यंत्र द्वारा देखने से और भी ज्यादा जीव देखे जा सकते हैं, उबालने या छानने से इन जीवों की संख्या काफी घट जाती है, अतः पानी को छानकर पीना ही हितकर है। 2. जल श्रोतों सम्बन्धी विशिष्ट जानकारी: विश्व का 97% पानी समद्रों में है, जो खारा और पीने योग्य नहीं है, करीब 2% पानी हिमखंडों व ग्लेश्यरों से ठोस रूप में जमा है, बाकी सिर्फ 1% पानी ही झीलों, भूगर्भ, नदियों आदि में हमारे पीने, सिंचाई व विनिर्माण आदि कार्यों के लिए उपलब्ध है, भूमि पर जल के वितरण के लिये, देखिये तालिका -1 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006761
Book TitleScience of Dhovana Water
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJeoraj Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2012
Total Pages268
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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