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तावस-परिवायगा। अम्हं अदिण्णं गिरिहत्तए अदिण्णं साइजित्तर, तं मा णं अम्हे इयाणिं आवइकालंपि अदिण्ण गिराहामो अदिगण साइज्जामो,मा णं अम्हं तवलोवे भविस्सइ । तं सेयं खलु अम्ह देवाणुप्पिया ! तिदंडए य कुंडियाओ य कंचणियाओ य करीडियाओ य भिसियाओ य छण्णालए य अंकुसए य केसरियाो य पवित्तए य गणेत्तियाओ य छत्तए य वाहणाओ य पाउयायो य धाउरत्ताओ य एगते एडित्ता गंगं महाणई ओगाहित्ता वालुयासंधारए संथरित्ता संलेहणाझसियाण भत्तपाण पडियाइक्खियाण पाओवगयाण कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए त्ति कट्टु अण्णमण्णस्स अंतिए सअमटुं पडिसुणंति २ त्ता तिदंडए य जाव एगते एडंति २ त्ता गंगं महाणई ओगाहेति २ त्ता वालुप्रासंथारए संथरंति ॥१०॥ ___ वालुयासंथारयं दुरुहति २ त्ता पुरत्थाभिमुहा संपलियंकनिसण्णा करयलमंजलिं कट्टु एवं वयासी, "णमोत्थु णं अरहताण जाव संपत्ताण, णमोत्थुणं समणस्स भगवो महावीरस्स जाव संपाविउकामरस, नमोत्थुण अम्मडस्स परित्वायगस्स अम्हं धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगरस, पुग्विणं अम्हेहिं अम्मडस्स परिवायगस्स अंतिए थूलगे पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए,मुसावाए अदिगणादाणे पच्चक्खाए जावज्जीवार, सव्वे मेहुणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, थूलए परिगहे पच्चक्खाए जातज्जोबाए । इयाणि अम्हे समणस्स भगवो महावीरस्स अंतिए सब्वं पाणाइवाय पच्चक्खामो जावज्जीवाए, जाव सव्वं परिग्गह पञ्च
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