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15. षट्खंडागम, धवला 3.1.2.87 :
सन्दर्भ
1.
2.
5.
6.
वनस्पति और जैन आहार शास्त्र
के ते ? (बादरणिगोदपदिट्ठिदा) मूलयद्धु-भल्लक-सूरण-गलोइ - लोगेसार - पमादओ । सुत्ते बादर-वणफदि पत्तेय सरीराणमेव गहणं कदं ण तब्भेदाणं? ण, बादर- वणफदिकाइयपत्तेयसरीरेषसु चेव तेंसिं अंतरभावादो ।
क्षु ज्ञान भूषण: सचित विचार, वीर सेवा मंदिर ट्रस्ट, जयपुर, 1994. आशाधर, सागारधर्मामृत (टीका पं. देवकी नंदन शास्त्री), पेज 236-37,
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.
3. सुधर्मा, स्वामी; आचारांग - 2, सूत्र 375, आ. प्र. स., ब्यावर, 1980, पेज 82.
4. आचार्य, वीरसेन; अ. धवला -1, जै, सं, सं, संघ, सोलापुर, 1973, पेज 273. ब. धवला - 3, एल. एस. जैन ट्रस्ट, अमरावती, 1941 पेज 348, 232.
: (443)
आर्य, श्याम प्रज्ञापना-1, आ.प्र.स., व्यावर, 1982, पेज 49-53, 57.
शांति सूरीश्वर ; जीव विचार प्रकरण, जैन सिद्धान्त सोसायटी, अहमदाबाद, 1950 पेज 53, 56.
7. बेन्द्रे, अशोक एवं कुमार, अशोक वनस्पति विज्ञान रस्तोगी प्रकाशन, मेरठ, 1999, पेज 507.
8. देखिये, संदर्भ 5, पेज 67.
9. आचार्य, बट्टकेर मूलाचार-1, भारतीय ज्ञानपीठ, 1984, पेज 369.
10. नाथूलाल शास्त्री; व्यक्तिगत पत्राचार
11. सुधर्मा स्वामी स्थानांग, जै. वि. भा. लाडनू, 1976 पेज 850,
12. पाइक, आर. एल. एवं ब्राउन, पिरटिल, न्यूट्रीशन, वाईली इस्टर्न, दिल्ली, 1970 पे. 2-4.
13. 'संपर्क' 2000, ऋषभ विद्वत् महासंघ, इन्दौर
14. जैन, एन.एल पश्चिम में सन्मति का समुचित समाहार जैन प्रचारक, दिल्ली,
नवम्बर 1999.
15. स्वामी कुमार कार्तिकेयानुप्रेक्षा, प प्र. मंडल, अगास, 1978 पेज 239,
16. आचार्य कुन्दकुन्द अष्टपाहुड, महावीर जी, 1967, पेज 71.
17. सुधर्मा स्वामी भगवती-3, आ.प्र.स. व्यावर, 1994, पेज 116.
18. देखिये संदर्भ -5, पेज 54.
19. जैन, अशोक; व्यक्तिगत पत्राचार.
20. जैन, पी.सी.; तीर्थंकर वाणी, जून 1996, पेज 10.
21. मरडिया, के. वी.; साइन्टिफिक फाउंडेशन ऑफ जैनिज्म, मोतीलाल बनारसी दास, दिल्ली, 1996.
22. शर्मा, प्रियव्रत द्रव्य गुण विज्ञान, चौखम्बा, वाराणसी, 1996. (संबंधित पेज ).
23. देखिये संदर्भ - 16, पेज 112.
24. आचार्य, अमितगतिः पुरुषार्थसिद्धियुपाय, सोनगढ़ ट्रस्ट, सोनगढ़, 1978 पे.
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25. स्वामी, समन्तभद्र रत्नकरंड श्रावकाचार, पोतदार ट्रस्ट, टीकमगढ़, 1995, पे.
85/141.
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