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________________ (442) : नंदनवन 2. प्रज्ञापना-1 : (अ) पत्तेयसरीर-बादर-वणप्फइकाइया दुवालसविहा पण्णत्ता । तं जहाः रुक्खा 32, 33, गुच्छा 52, गुम्मा 24, लता 10, बल्ली 46, पव्वग 22, तण 22, वलय 17, हरित 30, ओसहि 26, जलरुह 28, कुहण 11 (ब) से किं साहारणसरीर-बादर-वणप्फइकाइया ? साहारण-शरीर-बादर-वणफ्फइकाइया अणेगविहा पण्णत्ता। तं जहाः (53 नाम) 3. मूलाचार-1. 217 : होदि वणप्फदि वल्ली, रुक्खतणादी तहेव एइंदी। ते जाण हरितजीवा जाणित्ता परिहरेदव्वा ।। 4. मूलाचार-1.473 : तिलचाउणउसणोदय-चणोदय-तुसोदयं अविद्धुत्थं। अण्णं पि य असणादी अपरिणदं व गेण्हेज्जो ।। 5. मूलाचार-9.827-28 : फल कंद मूल बीयं अणग्गिपक्कं तु आमयं किंचि। णच्चा अणेसणीयं ण वि य पडिच्छंदि ते धीरा ।। जं हवदि अणिव्वीयं, णिवट्टिम, फासुयं कयं चेव । णाऊण एसणीयं तं भिक्खं मुणी पडिच्छंति ।। सचित्तविरत 6. रत्नकरण्डश्रावकाचार : मूल, फल, शाक, शाखा, करीर, कंद, प्रसून वीजानि। नामानि, योत्ति सोऽयं, सचित्त - विरतो दयामूर्तिः ।। 7. कार्तिकेयानुप्रेक्षा : सच्चितं फलं पत्ती छल्ली मलं व किसलयं वीयं । जो णय भक्खदि णाणी सचित्त विरदो हवे सोदु ।। 8. वसुनंदिश्रावकाचार : जंवज्जिज्जदि हरिदं-तय–पत्त-पवाल-कंद-फल-वीयं अफासुयं च सलिलं सचित्त-णिवत्ति-मंठाणं ।। 9. सागारधर्मामृत : हरितांकुर-बीजांबुलवणादि-अप्रासुकं त्यजन् । जागृत-कृपः चतुर्निष्ठः सचित्तविरतः स्मृतः । 10. लाटी संहिता : भक्षणेऽत्र सचित्तस्य नियमो, न तु स्पर्शने | तत्स्वहस्तादिना कृत्वा प्रासुकं चात्र खादति ।। भोगोपभोगपरिमाण व्रत 11. रत्नकरंडश्रावकाचार : अल्प-फल-बहु विघातात्-मूलकमाणि श्रृंगवेराणि। नवनीत-निंब-कुसुमं, कैतकमित्येव-मवहेयम्।। 12. कार्तिकेयानुप्रेक्षा : जाणित्ता संपत्ती, भोयण, तंबूल, वत्थमादीणं। जं परिमाणं कीरदि, भोउवभोयं वयं तस्स ।। 13. सागारधर्मामृत : नाली सूरण कालिंद द्रोणपुष्पादि वर्जयेत्। आजन्म तद्भुजां हि अल्पं फलं घातश्च भूयसाम्।। प्रत्येक वनस्पति 14. षट्खंडागम, धवला 1.1.41 : बादरनिगोद प्रतिष्ठिताश्चार्षान्तरेषु श्रूयते। क्व तेषामन्तर्भावश्चेत्? प्रत्येक शरीरिषु इति ब्रूमः । के ते ?स्नुग-आर्द्रक-मूलकादयः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006597
Book TitleNandanvana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN L Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2005
Total Pages592
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size25 MB
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