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अभिप्राय
Opinions ધર્મ પસાયે કુશલ છીએ.
डीसा मापनो पत्र, ग्रंथ परिपत्र भयु. अति सुं६२, स्पष्टता ४ सुं२रीते य छे.प. पू. युवकजागृति प्रेरक
८-११-९६ बाबमोय ५९।छे भने विमोश्य ५। छे.नी आ४ सुधी त्रुटि ४९udeता आचार्यदेव श्री गुणरत्नसूरीश्वरजी म. सा. की ओर से તે આપશ્રી દ્વારા પૂર્તિ થાય છે તે બહુજ અનુમોદનીય છે.
विनयादि गुणोपेत मुनिश्री निर्वाणसागरजी म. सा. મારા યોગ્ય કામસેવા જણાવશો. પ્રત્યુત્તર પાઠવી આભારી કરશોજી.
जोग अनुवंदना सुखशाता.
भवडीय अत्रे सुखशाता वर्ते छे. છબીલની ૧૦0૮ વંદના आपके द्वारा प्रेषित दो प्रतिक्रमणसूत्र सह विवेचन (हिन्दी-अंग्रेजी) की पुस्तक छप
| रही है उसका मेटर मिला. आपका प्रयास अनुमोदनीय है. ज्ञान भक्ति करके केवलज्ञान
| की प्राप्ति करे यही शुभेच्छा.
जैन सोसायटी, अहमदाबाद -६.| आराधना में उद्यमशील रहे. मुनिराज श्री निर्वाणसागरजी योग
२९-१०-९६
रविरत्नविजय की अनुवंदना सुखशाता. अनुवन्दना.
नमस्कार महामंत्र का हिन्दी-English विवेचन मिला. आपने बहुत परिश्रम किया है. विदेश वासीयों को इससे बहुत लाभ होगा. प्रभु की कृपा से आपका कार्य सुंदर रूप से सिद्ध हो यही प्रभु से प्रार्थना.
द. : जंबूवि. की अनुवंदना.
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग-२
Pratikramana Sutra With Explanation - Part
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