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प्रस्तावना
है और बहुत से जैन पारिभाषिक शब्दों को पूरा न्याय नहीं मिल पाया है. कई जगह जैन पारिभाषिक शब्दों का अंग्रेजी में मूल रूप में ही उपयोग किया गया है. ऐसे शब्दों का अर्थ विशेषार्थ में अलग से दिया गया है. सूत्र संबंधी अन्य उपयोगी जानकारी को भी विशेषार्थ में समाविष्ट किया गया है.
एक ही सूत्र में एक ही शब्द दूसरी बार समान अर्थ में आया हो तो वह शब्द फिर से नहीं दिया है. अर्थ फेर या शब्द में कुछ फेर हो तो वह शब्द दूसरी बार दिया है.
एक ही सूत्र में कहीं कहीं हिन्दी में दो अलग अलग शब्दों का अर्थ अंग्रेजी में एक ही शब्द के रूप में अथवा अंग्रेजी में दो अलग अलग | शब्दों का अर्थ हिन्दी में एक ही शब्द के रूप में दिया है; कारण ऐसे स्थानों में एक भाषा के अर्थ में शब्द विभाजित नहीं हो सकता है, जब कि दूसरी भाषा के अर्थ में वही शब्द विभाजित हो सकता है.
कहीं कहीं एक ही सूत्र में एक ही शब्द का अर्थ दूसरी बार एक भाषा में समान होता है लेकिन दूसरी भाषा में कुछ बदलता है, तो ऐसी जगह में जिस भाषा में अर्थ बदलता है, उसी भाषा में उस शब्द का अर्थ दूसरी बार दिया है और जिस भाषा में अर्थ समान रहता है वहां वह शब्द फिर से नहीं दिया है.
शब्दार्थ में शब्द के साथ दी हुई संख्या सूत्र के गाथा की संख्या
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन भाग १
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Preface
selection of proper words was a problem and many Jain terminological words could not get proper justice. In many places, typical Jain words are used as it is in English Meaning of such words are given in specific meaning separately. Other useful knowledge about the sūtra is also included in specific meaning.
If a word has come for second time in the same sutra in similar meaning, that word is not given again. If there is some difference in meaning or word, then that word is given for second time.
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In the same sūtra in some places, meaning of two separate words in Hindi is given as a single word in English or meaning of two seperate words in English is given as a single word in Hindi; because in such cases, the word can't be divided for meaning in one language where as the same word can be divided for meaning in other language.
In some cases for second time, the meaning of one word in same sūtra remains same in one language but changes in other language, then in such cases, the meaning of that word in given for second time only in that language in which the meaning changes; and that word is not given again in the language in which the meaning remains same.
Number given along with the word in Literal meaning indicates the stanza
Pratikramana Sutra With Explanation Part-1
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