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प्रस्तावना
से अंग्रेजी में vandu के रूप में लिखा जाएगा.
फ़ारसी [पर्श्यन] वर्ण क्र, ख, ग, ज़, फ़, ड़ और ढ़ के लीप्यंतरण के लीये क्रमशः k, kh, 9. ja, dh and ph का प्रयोग किया गया है.
उपर्युक्त चिह्नों को प्रयोग कर इस पुस्तक में लिप्यंतरण को सर्वांग संपूर्ण शुद्ध बनाने का पूरा प्रयास किया गया है.
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श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा एवं अष्ट मंगल फाउण्डेशन, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित एवं मेरे द्वारा संपादित हिन्दी-अंग्रेजी में प्रतिक्रमण सूत्रों की पुस्तकों की पिछली दो आवृत्तियों में [ प्रतिक्रमण सूत्र [हिन्दी-अंग्रेजी] प्रथम आवृत्ति, पंच प्रतिक्रण सूत्र [हिन्दी-अंग्रजी ] द्वितीय आवृत्ति एवं देवसिअ राइअ प्रतिक्रमण सूत्र [[हिन्दी-अंग्रेजी] प्रथम व द्वितीय आवृत्तियों में] अस्पष्ट उच्चार वाले अनुस्वार [] के लिये - चिह्न का उपयोग किया गया था. लेकिन कम्प्यूटर द्वारा इस चिह्न को इच्छित रूप में प्रयोग न हो सकने के कारण, इस पुस्तक में [] चिह्न का उपयोग किया गया है, जिसका पाठक गण विशेष ध्यान रखें. इस एक परिवर्तन के सिवाय, लिप्यंतरण में शेष सभी चिह्न पूर्ववत् रखे गये हैं.
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन भाग १
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For the transliteration of Persian characters क़, ख़, ग़, ज़, ड़ और ढ़k, kh, g. 1. a, dh and ph are used respectively.
All efforts are being made to make the transliteration completely correct in all ways by using the above mentioned symbols [diacratic marks] in this book.
Preface
Symbol of ~ was used for unclear [silent] pronunciation of nasal sound [6] in two previous editions of Pratikramana Sūtra books in Hindi English (Pratikramana Sūtra [Hindi-English] First edition. Pañca Pratikramana Sutra [Hindi-English] Second edition and Devasia-raia Pratikramana Sūtra [HindiEnglish] First and Second editions published by Shree Mahavir Jain Aradhana Kendra, Koba and Ashtmangal Foundation, Ahmedabad and edited by me. But the symbol of [] is used in this book as the symbol of [-] could not be used as desired through computer of which the readers shall take a special note. Excluding this one change all other symbols [diacritic marks] are kept as before in transliteration.
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Pratikramana Suūtra With Explanation Part-1
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