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२४. वेयावच्च-गराणं सूत्र
सूत्र विभाग
१५२
sutra part
24. veyavaccagaranam sutra 24. veyāvacca-garāṇam sūtra
२४. वेयावच्च-गराणं सूत्र
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वेयावच्च-गराणं, संति-गराणं, सम्मद्दिट्ठि-समाहि-गराणं करेमि काउस्सग्गं. अन्नत्थ... [सूत्र-७.]....... शब्दार्थ :|वेयावच्च-गराणं = वैयावृत्त्य [सेवा शुश्रुषा करने वालों के निमित्त से
वेयावच्च = वैयावृत्त्य, गराणं = करने वालों के निमित्त से संति-गराणं = शांति [उपद्रवादि का निवारण करने वालों के
निमित्त से
संति = शांति सम्म-दिट्ठि-समाहि-गराणं = सम्यग् दृष्टियों को समाधि उत्पन्न
करने वालों के निमित्त से
सम्म = सम्यग, दिह्रि = दृष्टियों को, समाहि = समाधि करेमि काउस्सग्गं = मैं कायोत्सर्ग करता हूँ
करेमि = मैं करता हूँ. काउस्सग्गं = कायोत्सर्ग
veyavacca-garanam, santi-garanam, sammadditthi-samāhi|garānam karemi kaussaggam. ....................... annattha... [sutra-7.]...... Literal meaning :veyāvacca-garānam = for the sake of those engaged in service
veyāvacca = service, garāņam = those engaged in santi-garāṇam = for the sake of the pacifiers (removers of obstacles)
santi = the pacifiers, garānam = for the sake of samma-dditthi-samāhi-garāņam = for the sake of those who helps the right
faith holders in attaining concentration
samma = the right, dditthi = faith holders, samāhi = concentration karemi kāussaggam = i perform the kāyotsarga
karemi = i perform, kāussaggam = the kāyotsarga
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन- भाग-१
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Pratikramana Sutra With Explanation - Part - 1
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