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२२. पुक्खर-वर-दीवड्ढे सूत्र सूत्र विभाग १४१ sutra part
22. pukkhara-vara-divaddhe sutra धम्मो = धर्म, वड्ढउ = वृद्धि को प्राप्त हो, सासओ = शाश्वत dhammo = dharma, vaddhau = may attain prosperity, sāsao =
everlasting विजयओ धम्मुत्तरं वड्ढउ = विजयों से उत्तर [चारित्र धर्म वृद्धि | vijayao dhammuttaram vaddhau = subsequent [caritra] dharma may attain को प्राप्त हो
prosperity by victories विजयओ = विजयों से, धम्म = धर्म, उत्तरं = उत्तर,
vijayao = by victories, dhamma = dharma, uttaram = subsequent सुअस्स भगवओ करेमि काउस्सग्गं = श्रुत भगवान की 5. suassa bhagavao karemi kāussaggam = i perform kāyotsarga (for the [आराधना के लिये] मैं कायोत्सर्ग करता हूँ
worship) of the god of śruta सुअस्स = श्रुत, भगवओ = भगवान की, करेमि = मैं करता suassa = of śruta, bhagavao = of the god, karemi = i perform, हूँ, काउस्सग्गं = कायोत्सर्ग
kāussaggam = kāyotsarga गाथार्थ :
| Stanzaic meaning:अर्ध पुष्कर-वर द्वीप, धातकी खंड और जंबु द्वीप में स्थित भरत, ऐरावत | Tobeisance to the beginnersof[Sruta]dharmain theregions of bharata, airāvata
और महाविदेह क्षेत्र में [श्रुत] धर्म की आदि करने वालों को मैं नमस्कार | and mahavideha in half puskaravaradvipa, dhataki khanda and jambudvipa. करता हूँ. ...........१.
................1. अज्ञान रूपी अंधकार के समूह को नाश करने वाले, देवों और राजाओं | Tobeisance to [Sruta dharma], the annihilator of mass of darkness resembling के समूह से पूजित, मर्यादा को धारण करने वाले और मोह जाल को ignorance, worshipped by the assembly of gods and kings, holders of limitations तोड़ने वाले [श्रुत धर्म] को मैं वंदन करता हूँ. ...........२. | and destroyer of snare of infatuating delusions..................... ..................2. जन्म, जरा, मृत्यु और शोक को नाश करने वाले, पुष्कल कल्याण और | Who will be negligent after having secured the essence of [Sruta] dharma, the
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Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १ Jain Education International
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