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६. तस्स उत्तरी सूत्र सूत्र विभाग ४३ sutra part
6. tassa uttari sutra पावाणं कम्माणं = पाप कर्मों का
pāvānam kammānam = of the evil deeds __पावाणं = पाप, कम्माणं = कर्मों का
pāvāņam = of the evil, kammānam = deeds निग्घायणट्ठाए = संपूर्ण नाश करने के लिये
nigghāyaṇatthāe = to annihilate completely ठामि काउस्सग्गं = मैं कायोत्सर्ग करता हूँ
thāmi kāussaggam = i perform the kāyotsarga ___ठामि = करता हूँ, काउस्सग्गं = कायोत्सर्ग
thāmi = i perform, kāussaggam = the kāyotsarga गाथार्थ :
Stanzaic meaning - उन [पापों की फिर से शद्धि करने के द्वारा प्रायश्चित्त करने के द्वारा. I perform kāyotsarga of those (sins) by rectifying again, by performing विशुद्धि करने के द्वारा, शल्य रहित करने के द्वारा, पाप कर्मों का संपूर्ण | repentance, by purifying further, by making free of thorns to annihilate the evil नाश करने के लिये मैं कायोत्सर्ग करता हूँ.
...........१.
deeds completely. विशेषार्थ :
Specific meaning - . कायोत्सर्ग :
kayotsarga:१. संकल्प विकल्प रहित होकर मन को धर्म ध्यान में स्थिर रखने के | 1.Forkeepingmindsteadyinspiritual meditation, becoming free from alternative
लिये आवश्यक मानसिक प्रवृत्ति एवं सहज कायिक प्रवृत्ति के | decisions, to give up all types of activities except essential mental activities सिवाय सर्व प्रकार की प्रवृत्ति और शारीरिक ममत्व को मन-वचन- and natural physical activities and attachment towards the body by thought, काया से त्याग करना.
words and deeds. इरियावहियं प्रतिक्रमण से सामान्य शुद्धि होती है, कायोत्सर्ग से | 2. Ordinary purification is done by performing iriyāvahiyam pratikramana, विशेष शुद्धि होती है.
further distinct purification is done by performing the kāyotsarga. प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १
Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1 For Private & Personal use only
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