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अनु.
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२०
विषय
श्री तत्त्वार्थ सूत्र लाग दूसरे डी
विषयानुप्रभाि
छठ्ठा अध्याय
आस्त्रवतत्त्व प्रा नि३पाएा सू-१ पुण्यपाप से आस्त्रवों डेरा सू-२
संपरायडिया डे जास्त्रवों नि३पएा सू-3
अप्रषायभुव डे संसार परिभ्रमा ३५ र्यापथ आास्त्रव डेरा होने प्रा नि३पाएा सू-४
साम्परायि प्रर्भास्त्रव के लेहों का नि३पएा सू-4
सज भुवों प्रर्भजन्ध समान होता है या विशेषाधिऽ सू- ६ अधिऽएा डा स्व३प सू-७
भवाधिए लेह प्रा नि३पाएा सू-८
डा निश्पा सू
अभवडे अधिक
दुर्भजन्ध डे आास्त्रव सज जायुवाले डा अस्त्रव
होता है सू- १०
वायु के आस्वा नि३पाएा सू-११
सातवां अध्याय
શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૨
संवर के स्वरूप प्रा नि३पासू-१
संवर के प्रारएाउप समिति गुप्ति जाहि डा नि३पाएा सू-२ होंडा नि३पासू-उ
समिति
गुप्त स्व३प निश्पा सू-४
दृश प्रकार के श्रभएा धर्म का नि३पएा सू-य
अनुपेक्षा स्व३पा नि३पासूકે परिषहभ्या निपा सू-७ परिषह से लेहों प्रा नि३पासू-ट जैन भवने तिने परीषह होते है ? सू
पाना नं.
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