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अनु. विषय
पाना नं.
१८ सप्रभाही अन गुड्डी आज्ञाछा पालन रना चाहिये
छस विषयमें भद्रनाभ श्रेष्ठीष्ठी पत्नी छा द्रष्टांत १८ प्रभाछा भूस हारारा रागद्वेषठे त्याग उरनेता उपदेश
तथा उपसंहार
पांयवाँ अध्ययन
२० अछाभ और सहाभ भरा हो होंडा वर्शन २१ प्रयोनसे या मिना प्रयोनसे प्राशिवध उरने ।
विषयमें समपालठा द्रष्टांत २२ हिंसाधिमें आसत्त्छ रहनेवालों छा ज्थन २३ धन और स्त्री माहिमें गृद्ध सने हवेडे अन्धा वर्शन २४ धन और स्त्री आहिमें गृद्ध रहनेवाले रोगावस्था प्राप्त
होने पर पश्चाताप छा वर्शन २५ शाटिळे द्रष्टांतसे धन स्त्री माहिमें रत रहने वाले
प्रश्वाताधष्ठा वर्शन २६ धन स्त्री आहिमें रत रहनेवालेठे सहाभ भरा थन २७ यारित्र धारी छावों सठाभ भराठा वर्शन २८ भिक्षुओष्ठी उत्कृष्टताठा वर्शन २८ द्रव्यलिंगसे रक्षा नहीं होने जा ज्थन उ० सुव्रतठे देवलोऽ प्रातिष्ठा ज्थन उ१ व्रतमें दुर्भति नाभ घरिद्रष्टा द्रष्टांत उ२ सुव्रतमें रहनेवाले गृहस्थठा वार्यान 33 संवृत भिक्षुठे भरने पर सजा स्वर्ण या भोक्षमें गभन उ४ हेवोंछे मावासोंडा और हेवोंडा वर्शन उप संवृत भिक्षुठे और संवृत गृहस्थडे देवत्व प्राप्तिष्ठा वार्यान उ६ शरीरडी भसारता हा वर्शन उ७ भरा डाल समाधि छा वर्शन 3८ समाधि भराडे लिये शिष्यठो उपदेश 3८ सभाधि विषयमें प्रसुद्धि शिष्यष्ठा द्रष्टांत ४० भरा सभयष्ठी समाधि छा वर्शन ४१ सहाभ भराठा वर्शन
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શ્રી ઉત્તરાધ્યયન સૂત્ર : ૨