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अनु. विषय
पाना नं.
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૧૦૩ ૧૦૪
પ૬
४३ गभनमें पृथ्वीडायष्ठी यतना रमने हा विचार ४४ अप्ठायाहिटी यतना छा विचार ४५ यतुर्थ भहाव्रत-ब्रह्मयर्थ यतना छा विचार
भार्ग गभनमें यतना हा विचार ४७ गोंयरीमें डायथेष्टा हा विचार ४८ गोयरीमें दुल (गृह) प्रवेशविधि छा विचार ४८ भिक्षा के लिये स्थितभुनिष्ठी छाययेष्टा छा विचार ५० गृहस्थ डे घर स्थित रहने छा विचार ५१ पाहिडार्यभे स्त्री डी उपस्थिति डा विद्यार ५२ संहराभे यतुर्भगी छा विचार 43 पुरः उर्भ छा ज्थन ५४ पश्चार्भा ज्थन
आहार गृहाशमें विवे वियार
शंडित-भुद्रित आहार गृहारा हा निषेध ५७ घानाहि लिये या पुश्यठे लिये उपस्थित आहार गृहाराजा
निषेध ५८ औद्योशिड्रीत्कृताहि आहार छा विचार ५८ निःशति आहार गृहरा ही आज्ञा
तेविराधनामें आहार गृहरा छा निषेध ६१ पूर्णभभार्ग में गभन हा निषेध ૬૨ भाताहत भिक्षाला निषेध ६ आहार गृह विवेठ विचार ६४ त्याश्य इलों के नाभोवेज ૬૫ पान गृहरा विधि ६६ हारमोपस्थितिमें गोयरीभे आहारविधि
आहार में आये मीसहिछा परिठवन डी विधि ६८ उपाश्रय में आ रही आहार पुरने छा ज्थन ६८ गोयरीमें अतियारों डी आलोयन विधि। ७० डायोत्सर्गभे यिन्तनप्रहार ७१ अन्यमुनियों छो आहार गृहाडे लिये प्रार्थनाष्ठा विचार ७२ माहारा उपभोगडी विधि ७3 भुधा हाता सेवं उपभोक्छा छा भोक्षगभन छा ज्थन
૧૦૪ ૧૦૬ ૧૦૮ ૧૦૮ ૧૦૯
૧૦૯ ૧૧૦
૧૧૦ ૧૧૧ ૧૧૨
६७
૧૧૩
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૧૧પ ૧૧૫ ૧૧૫ ૧૧૬
શ્રી દશવૈકાલિક સૂત્ર : ૧